फतेहपुर: जिले के अंग्रेजी माध्यम स्कूल महर्षि विद्या मंदिर में सनातन धर्म की गंगा बही। यहां पर सहस्र शीर्षा देवी मंडल के 10वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि मां स्कन्दमाता के दिव्य दर्शन किए गए। छात्राओं ने यहां पर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल में विश्व शांति आंदोलन की महिला इकाई ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक गुरु परम्परा से हुई। इसके बाद विद्यालय की छात्राओं ने भक्ति भजन प्रस्तुत किए। यूकेजी के बच्चों ने डांडिया नृत्य किया। इनमें आर्यन वैष्णवी, आरना, आयुष, उत्सव शर्मा शामिल रहे। इसी तरह से नर्सरी और एलकेजी के बच्चों ने सामूहिक रूप से नौ देवियों का वन्दन प्रस्तुत किया। इनमें वारूनी, वामिका, दृष्टि, प्रान्वी, अमितान, अमिता, आद्या, दिव्य, विधान और स्वास्तिक शामिल रहे। ध्यान, सिद्धि शिक्षिका मोहिता अवस्थी ने सामूहिक भावातीत ध्यान का अभ्यास कराया।
प्रधानाचार्य प्रमोद त्रिपाठी ने कही ये बात
कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य प्रमोद त्रिपाठी ने कहा कि महर्षि शिक्षा संस्थान सहस्त्र शीर्षा देवीमण्डल की स्थापना कर नारी कल्याण की कामना करता है। उन्होंने कहा कि हमें नियमित रूप से भावातीत ध्यान का अभ्यास करना चाहिए, जिससे व्यक्ति एवं राष्ट्र में सतोगुणी चेतना का विकास हो। तभी हम महर्षि जी के विश्व शांति के संकल्प को पूर्ण करने में योगदान दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि महर्षि महेश के संकल्पों को पूरा करने के लिए वेद विद्या मार्तण्ड ब्रम्हचारी गिरीश लगातार प्रयत्नशील हैं।
“सनातन काल से नव देवियों की महत्ता मां दुर्गा के रूप में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से जानी जाती है, जो हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। यह दिन नारी शक्ति को समर्पित हैं। “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” हमें सदैव इन्हें आदर और सम्मान देकर परिवार समाज और राष्ट्र के उत्थान में प्रतिष्ठापित करना चाहिए।”
प्रमोद कुमार त्रिपाठी, प्रधानाचार्य
महर्षि विद्या मंदिर, फतेहपुर।