Fatehpur: उत्‍तर प्रदेश तोड़ने वाले भी कर रहे सड़क निर्माण के लिए आंदोलन

बुंदेलखंड राज्य बनाने के नाम पर यूपी को बांटने का किया जा रहा कुत्सित प्रयास

आशीष सिंह/फतेहपुर: उत्तर प्रदेश को तोड़ने की मांग करने वालों के मंसूबे सफल नहीं हुए तो अब अपनी दिशा मोड़कर दूसरी ओर चल पड़े हैं। जी हां, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के तहत जो पदाधिकारी उत्तर प्रदेश को तोड़कर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग कर रहे हैं, अब वही लोग विजयीपुर-गाजीपुर सड़क निर्माण के लिए सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर अचानक समिति ने दूसरी ओर रुख क्यों किया? कहीं सड़क निर्माण के नाम पर भोली-भाली जनता को गुमराह कर राजनैतिक सत्ता को चुनौती देना तो नहीं है? कहीं सड़क निर्माण के नाम पर दबाव और प्रभाव दिखाने का बड़ा प्रयास तो नहीं किया जा रहा है? हम सभी को इन प्रश्नों के जवाब जरूर खोजने चाहिए।

ये वही बुंदेलखंड संघर्ष समिति है, जो लगातार उत्तर प्रदेश के टुकड़े करने पर अमादा है। इसके लिए समिति ने जागरूक करने के नाम पर जिले भर में लोगों को भड़काने का काम किया है। इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर उत्तर प्रदेश के टुकड़े करने की मंशा जता चुके हैं। नाम तो बुंदेलखंड संघर्ष समिति है, लेकिन बुंदेलखंड राज्य बनाने के नाम पर यूपी को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। समिति की मांग पर जब आम लोगों, नेताओं, प्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन रणनीति भी बदलनी पड़ी।

असहयोग आंदोलन के नाम पर नया शिगूफा

समिति के पदाधिकारी लोगों की भावनाओं से खेलने में माहिर है। ऐसे में उन्होंने अलग राज्य बनाने की मांग करने के साथ ही एक नया शिगूफा भी छोड़ दिया। समिति विजयीपुर-गाजीपुर सड़क मार्ग का निर्माण कराने के नाम पर लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए गांधी जयंती के दिन से असहयोग आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया गया।

Fatehpur: उत्‍तर प्रदेश तोड़ने वाले भी कर रहे सड़क निर्माण के लिए आंदोलन

दरअसल, यह समिति के पदाधिकारियों की सोची समझी रणनीति जान पड़ती है। क्योंकि, जब उन्हें लगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के रहते उत्तर प्रदेश को तोड़कर अलग बुंदेलखंड राज्य बनाना संभव नहीं है तो उन्होंने इस रास्ते को अपनाया। दूसरे अर्थों में समझें तो जब फतेहपुर के लोगों ने अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने के नाम पर एकजुट होना स्वीकार नहीं किया तो सड़क निर्माण के नाम स्थानीय लोगों को एकजुट करने का प्रयास शुरू हुआ है।

इस आंदोलन से गुमराह करने की रणनीति

समिति ने गांधी जयंती के दिन से आंदोलन करने का दम भरा है। इसमें किसान संगठन, युवा, विद्यार्थी, वकील, शिक्षक संगठन, सभी जातियों की महासभा, वर्तमान और पूर्व प्रधानों से आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। इतना ही नहीं, टैक्सी यूनियन और व्यापार संघ का भी सहयोग लेने की बात कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि सड़क निर्माण का बीड़ा भी बुंदेलखंड संघर्ष समिति के बैनर तले ही उठा है, ऐसे में साफ है कि सड़क निर्माण के नाम पर यह समिति अपना उल्लू सीधा करना चाहती है।