वाराणसी: दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में फ्लैट बनाकर एंग्रीमेंट के बावजूद मकान मालिक को नहीं देने वाले तीन बिल्डर्स के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पुलिस ने तीनों बिल्डर और उनके पांच सहयोगियों को नामजद किया है। आठों आरोपियों पर धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य कई धाराएं लगाई गई हैं।
तीनों बिल्डर एक ही कंपनी जायमा डेवलपर्स में पार्टनर हैं और शहर में प्रॉपर्टी का काम करते हैं। केस दर्ज होने के बाद पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। शहर के काजीपुरा कलां, देहलू गली निवासी जफर इकबाल की तहरीर पर बिल्डर्स मेसर्स जायमा डेवलपर्स के तीन पार्टनर सहित आठों आरोपियों पर दशाश्वमेध थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जफर इकबाल ने बताया कि वह अपने छोटे भाई नदीम इकबाल के साथ रहते हैं।
पढ़िए पूरा मामला
दोनों भाइयों ने अपने मकान का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट औरंगाबाद के मसूद अख्तर, शेख सलीम फाटक के हारिस रजबी और माताकुंड के नैय्यर इस्लाम से किया था। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में 30 महीने का समय तय किया गया। इस अवधि में पूरी बिल्डिंग का निर्माण वीडीए के मानक के अनुसार करना था। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तय किया था कि 40 फ्लैट बनेंगे इसमें से 24 बिल्डर और 16 मकान मालिक को मिलेंगे।
जफर इकबाल ने बताया कि फ्लैट बनकर तैयार होने लगे और उसकी अच्छी कीमत मिलते ही तीनों बिल्डर की नीयत खराब हो गई। तीनों ने गया के सादिक खान वारिस के साथ साजिश करके बिल्डिंग के प्रथम तल का फ्लैट रजा कॉलोनी, मकबूल आलम रोड निवासी नदीम अहमद को बैनामा कर दिया। तीन अन्य फ्लैट लल्लापुरा के ऑसिफ व अलीम चौधरी को बैनामा कर दिया। इसी तरह से पटेल नगर, राजा बाजार, नदेसर की रजिया नसरीन को भी एक फ्लैट रजिस्टर्ड सट्टा कर दिया। आठों ने साजिश रच कर खरीद-बिक्री का गलत काम किया। बातचीत करने पर तीनों बिल्डर ने जान से मारने की धमकी दी।