लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने उन अफवाहों का खंडन किया कि वह राजनीति छोड़ रही हैं. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल से एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने अंतिम सांस तक सक्रिय राजनीति में रहने का संकल्प लिया है. हिंदी में जारी बयान में कहा गया है कि मायावती के राजनीति छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता. बयान में आंबेडकरवादी विचारधारा के खिलाफ राजनीतिक दलों पर मायावती के राजनीति से संन्यास लेने की अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया है.
विरोधियों की साजिश
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘बहुजनों के आंबेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर एवं मान्यवर कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिंदगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट को समर्पित रहने का फैसला अटल है.’ उन्होंने कहा, ‘अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने आकाश आनंद को मेरे न रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है, जिससे लोग सावधान रहें.’
संन्यास लेना गंवारा नहीं
वे कहती हैं, ‘हालांकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गई, जबकि मान्यवर कांशीराम ने ऐसे ही ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गंवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?’
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट जीतने में विफल रही. राज्य विधानसभा में भी बीएसपी के पास सिर्फ एक विधायक है.