उदयपुर: जिले में चाकूबाजी में घायल छात्र की सोमवार को मौत हो गई। मृतक का अंतिम संस्कार मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच किया गया। बच्चे को उसके पिता व चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने नारेबाजी भी की। इससे पहले सुबह 4.30 बजे बच्चे के शव को परिवार को सौंपा गया था।
करीब सात बजे मृतक के घर से शवयात्रा निकाली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। अंतिम यात्रा में उदयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा के साथ प्रशासन के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। ड्रोन से अंतिम संस्कार की निगरानी की गई। यात्रा के पूरे मार्ग पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। उदयपुर शहर में आज भी नेटबंदी रहेगी। स्कूल-कॉलेजों में भी छुट्टी है। समाज के नेताओं ने सभी से शांति की अपील की है।
तीन मांगों पर बनी सहमति
सोमवार रात तक स्टूडेंट के अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन व परिजनों के बीच वार्ता चलती रही। तीन मांगों पर सहमति के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इनमें 51 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, परिवार के 1 सदस्य को संविदा पर नौकरी और एसटी-एससी एक्ट मामले में कार्रवाई की मांग शामिल है। दरअसल, चार दिन पहले (16 अगस्त) उदयपुर में हुई चाकूबाजी की घटना में घायल स्टूडेंट की सोमवार दोपहर मौत हो गई।
मौत की खबर फैलते ही तेजी से बदला घटनाक्रम
- सोमवार दोपहर 3 बजे उदयपुर शहर में रक्षाबंधन की रौनक दिख रही थी, टूरिस्टों की भी अच्छी संख्या था।
- शाम करीब 4.30 स्टूडेंट की मौत की खबर फैलते ही अचानक 6 से ज्यादा बाजार बंद हो गए, सड़कें कुछ मिनटों में सुनसान हो गईं।
- कुछ लोगों ने शहर में कर्फ्यू की भी अफवाह फैला दी। फिर पुलिस ने मोर्चा संभाला और जगह-जगह इकठ्ठा होने लगे लोगों को खदेड़ा।
- शाम करीब 5 बजे एमबी हॉस्पिटल के गेट नंबर 1, 2 व 3 पर बड़ी संख्या में हथियारबंद जवानों की तैनाती की गई।
- हॉस्पिटल में अचानक एंट्री बंद की गई, गलियों में इकठ्ठा हो रही भीड़ को पुलिस काफी देर तक खदेड़ती रही।
- शाम करीब 6.30 बजे कुछ लोग हॉस्पिटल की दीवार फांदकर मॉर्च्युरी के बाहर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे।
- पुलिस ने मॉर्च्युरी के बाहर से भगाया तो दूर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे।
- पुलिस-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की समझाइश व वार्ता के बाद माहौल शांत हुआ।