महाकुंभ के मद्देनजर जल्‍द पूरा हो जाएगा प्राचीन एवं पौराणिक महत्व के मंदिरों का सौन्दर्यीकरण का काम

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के आयोजन के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से मंदिरों के विकास, सौंदर्यीकरण, यात्री सुविधाओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने आने वाले पर्यटक स्थानीय मंदिरों में भी पूजा-अर्चना करने जाते हैं। राज्य सरकार ने संगमनगरी में पर्यटन स्थलों के विस्तारीकरण, सौंदर्यीकरण सहित अन्य विकास कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर धनराशि स्वीकृत की है।

यह जानकारी पर्यटन मंत्री ने देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग दुनिया के इस सबसे बड़े मेले को पर्यटन की दृष्टि से एक अवसर के रूप में ले रहा है। इस दौरान प्रयागराज के विभिन्न पर्यटन स्थलों तथा प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों की ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग की जायेगी। देश-विदेश से इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधायें सृजित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में पर्यटन विभाग महाकंुभ के लिए विभिन्न परियोजनायें शुरू की है। उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ से पहले सभी अवस्थापना सुविधाओं का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने, दर्शन, स्नान आदि के लिए उच्चस्तरीय व्यवस्था की जा रही है, जिससे श्रद्धालु एक शानदार एवं यादगार अनुभव लेकर जायें और दूसरों से भी यूपी की अवस्थापना सुविधाओं के बारे में चर्चा करें।

श्रद्धालुओं की लिए की जा रहीं ये व्‍यवस्‍थाएं

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कुंभ मेले को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले का गौरव प्राप्त है। मेले की शुरुआत से पहले प्रयागराज के सभी पौराणिक महत्व वाले मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है। संगम नगरी के अलग-अलग क्षेत्र के मंदिरों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की योजना मूर्त रूप ले रही है। करोड़ों रुपये की लागत से मंदिरों के गेट, बाउंड्रीवाल, घाट का निर्माण, भवन का विस्तारीकरण तथा आसपास के क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है। लोगों के बैठने के लिए बेंच, पीने के पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं/पर्यटकों को मंदिर परिसर में जरूरत के अनुसार छाया मिले, इसके लिए शेड की व्यवस्था की जा रही है।

उन्‍होंने बताया कि प्रयागराज में शूलकंटेश्वर मंदिर, अरैल का पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण लगभग 1.28 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। दशाश्वमेध मंदिर दारागंज का पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण लगभग 02 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। द्वादश माधव मंदिर का पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण लगभग 12.34 करोड़ से कराया जा रहा है। पंडेश्वरनाथ धाम मंदिर का पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण लगभग 9.30 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। योजना के तहत बाउंड्रीवाल, कॉरिडोर, यात्री शेड का रिनोवेशन, हाईमास्ट लाइट समेत कई अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।

जयवीर सिंह ने बताया कि भारद्वाज आश्रम का पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण लगभग 13.36 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। इसी तरह दुर्वासा आश्रम, ककरा दुबावल में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन एवं पर्यटन विकास संबंधी कार्य पर करीब 1.11 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसी प्रकार कल्याणी देवी मंदिर का पर्यटन विकास कार्य प्रगति पर है। करीब 97.73 लाख रुपए की धनराशि से गेट निर्माण, यात्री शेड, बाउंड्रीवाल, म्यूरल्स, पीने के पानी की व्यवस्था, स्टोन फ्लोरिंग, डस्टबिन, स्टोन कर्वड और बेंचेज आदि लगाए जा रहे हैं। कोटेश्वर महादेव मंदिर पर आरती स्थल के निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य पर 2.19 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जा रही है।

उपलब्‍ध कराई जा रही इतनी धनराशि

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पंचकोशी परिक्रमा पथ के अंतर्गत आने वाले बरखण्डी महादेव मंदिर सैदपुर का पर्यटन विकास कार्य करीब 1.09 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। तक्षक तीर्थ मंदिर, दरियाबाद के सौंदर्यीकरण कार्य लगभग 1.73 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। नागवासुकी मंदिर की फसाड लाइटिंग एवं सौंदर्यीकरण का कार्य 1.45 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। शक्तिपीठ अलोपी देवी मंदिर की फसाड लाइटिंग तथा सौंदर्यीकरण पर तकरीबन 1.67 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है। संगम पर स्थित शंकर विमान मंडपम मंदिर की फसाड लाइटिंग और सौंदर्यीकरण करीब 3.56 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। सिविल लाइंस स्थित हनुमान जी मंदिर पर फसाड लाइटिंग एवं सौंदर्यीकरण कार्य 1.01 करोड़ रुपये धनराशि से कराया जा रहा है।