केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता पर दिया विशेष जोर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश दिए हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जाब कार्ड धारकों को मनरेगा में काम मांगने पर काम जरूर दिया जाये और उनके पारिश्रमिक का भुगतान समय से कराया जाए। उन्होने कहा, मनरेगा से न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार मिलता है, बल्कि ग्रामीण परिसम्पत्तियों का सृजन भी होता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने NIC और इसरो की नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के साथ मिलकर जियो मनरेगा के अंतर्गत जियो टैग परिसम्पत्तियों को एक जगह एकत्रित करके आसान तरीके से सामने लाने के लिए एक मोबाइल ऐप जनमनरेगा की संचरना की गई है। इस मोबाइल ऐप के जरिये देश व प्रदेश के किसी भी कोने में मनरेगा के अंतर्गत बनी परिसम्पतियों को देखा जा सकता है।

केशव मौर्य ने बताया की सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा योजना को लगातार पारदर्शी बनाया जा रहा है। लोगों को जानकारियां पहुंचाने के लिए जनमनरेगा ऐप संचालित है। एप से कोई भी नागरिक काम की मांग, कार्यों की स्थिति, शिकायत, सुझाव दर्ज करने के साथ-साथ पूर्ण कार्यों की स्थिति देख सकता है। कोई भी नागरिक अपने स्मार्ट फोन पर यह एप्लीकेशन इंस्टॉल कर सकता है। जन मनरेगा मोबाइल ऐप को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य कि जाब कार्ड धारकों को  को उनके घर के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाना है, ताकि लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाई जा सके। घर बैठे अपनी ग्राम पंचायत में मनरेगा की परिसंपत्तियों की जानकारी लेने के साथ ही अपना फीडबैक भी दे सकते हैं।

वहीं, आयुक्त, ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी द्वारा बताया गया कि जनमनरेगा ऐप बहुत ही उपयोगी मोबाइल एप्लीकेशन है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले आम नागरिक घर बैठे मनरेगा के विषय में व मनरेगा की जियो टैग परिसंपत्तियों के विषय में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते है, व अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त कर सकते है।