Lok Sabha Elections 2024: अखिलेश यादव के PDA यात्रा पर अजय राय ने उठाए सवाल

खुद साइकिल चलाकर अखिलेश ने की यात्रा की शुरुआत

Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से झटका खाए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश में नए सिरे से लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी फिर से अपने पुराने पिछड़ा, दलित और आदिवासी (PDA) फार्मूले पर लौट आई है। इसी के तहत समाजवादी पार्टी सोमवार से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व में पीडीए साइकिल यात्रा निकाल रही है। 30 अक्टूबर को यह यात्रा लखनऊ से शुरू हो गई है, जो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाएगी। सपा की पीडीए यात्रा की शुरुआत अखिलेश यादव ने खुद साइकिल चलाकर की है। सपा की इस पीडीए (PDA) यात्रा पर भी I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने पीडीए यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव को आड़े हाथ लिया है।

समाजवादी PDA यात्रा पर कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, इस तरह की यात्राएं करनी चाहिए और लगातार करती रहनी चाहिए। जनता के बीच में जाइए और उन्हें जोड़िए, लेकिन अगर आप शासन में रहते हुए पिछड़ी जाति और अति पिछड़ी जाति के लिए काम नहीं किया, तो लोगों को आपके कार्यकाल में खोट नजर आएगा। आपको जो काम करने चाहिए थे, वो समय रहते आप नहीं कर पाए। अब उसके लिए आप यात्राएं निकाल रहे हैं, साइकिल चला रहे हैं और लोगों के बीच जाकर उन्हें लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव पर कटाक्ष कर रहे हैं। इससे पहले भी वह अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। इसको लेकर उपजे विवाद को शांत कराने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को सामने आना पड़ गया था। हालांकि अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनके साथ जैसा किया जाएगा, वह भी उसी तरह का जवाब देंगे।

फिलहाल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरफ से I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल होने की बात कही जा रही है। जबकि सच यह है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले ही गठबंधन टूट चुका है। क्योंकि कांग्रेस और सपा दोनों दलों की तरफ से प्रदेश की सभी सीटों पर चुनावी तैयारी की बात कही जा रही है। वहीं दोनों दलों के सामने वोटरों को अपने पक्ष में लाने की चुनौती भी है। यूपी में सपा जहां दूसरे नंबर की पार्टी है, वहीं कांग्रेस के सामने वजूद का संकट है। हालांकि लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां विधानसभा चुनाव की अपेक्षा अलग होती है। ऐसे में कांग्रेस को अगर बढ़त मिलती है, तो इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है।