विदेश यात्राओं और पैसों का लालच, 250 मरीजों को लगाया फर्जी पेसमेकर

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी का डॉक्‍टर गिरफ्तार, जानिए हैरान कर देने वाली हरकतें

सैफई: सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर समीर सर्राफ को पुलिस ने मरीजों को नकली पेसमेकर लगाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने डॉक्‍टर की गिरफ्तारी को लेकर शासन को चिट्ठी लिखी थी, वहां से अनुमति मिलने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

दरअसल, यह पूरा मामला फरवरी 2022 से शुरू हुआ था। सैफई थाने में कुछ मरीजों ने डॉक्टर समीर सर्राफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया था की उनके हार्ट का ऑपरेशन करके नकली पेसमेकर लगा दिया गया है, जिससे उन्‍हें तकलीफ सहनी पड़ रही है। जांच समिति ने पाया कि डॉक्‍टर सर्राफ ने पेसमेकर लगाने के लिए एक मरीज से 1.85 लाख रुपये लिए, जो तय रकम 96,844 रुपये से करीब दोगुना है। बता दें कि पेसमेकर एक ऐसा छोटा उपकरण है, जो मानव हृदय के साथ ऑपरेशन कर लगाया जाता है। यह मुख्यत: ह्रदय गति को नियंत्रित करने में सहायता करता है।

शासन से अनुमति मिलने पर हुई गिरफ्तारी

डॉक्टर समीर सर्राफ द्वारा उस समय रिश्वत लेने का भी CCTV वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सैफई थाने की पुलिस ने 17/22 में धारा 7, 8, 9, 13 के तहत मामला दर्ज किया था। अब डॉक्टर समीर की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी संजय कुमार ने बताया कि साल 2022 में एक मामला दर्ज करने के बाद इस केस की जांच गजेटेड अधिकारी और पुलिस कर रही थी। डॉक्‍टर की गिरफ्तारी को लेकर शासन को चिट्ठी लिखी गई थी, जिसके बाद वहां से अनुमति मिलने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा- नियम के अनुसार हुई कार्रवाई

एसएसपी ने कहा कि उन पर नियम के अनुसार कार्रवाई की गई है। अभी तक की जांच में करीब ढाई सौ मरीजों के साथ पेसमेकर लगाने में धांधली का मामला सामने आया है। मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया गया है। इसमें अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है और जांच जारी है।

मरीजों की जान से खिलवाड़ के बदले विदेशी यात्राएं

आरोप है कि डॉक्‍टर समीर सर्राफ मरीजों को नकली पेसमेकर लगाने के लिए कंपनियों से समझौता किया था। इसके एवज में वो मरीजों को ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली पेसमेकर लगाकर मोटा पैसा कमाते थे। इतना ही नहीं इस काम के बदले में ये कंपनियां डॉक्टर को आठ विदेश की यात्राएं करवा चुकी हैं। यही नहीं, डॉक्‍टर समीर ने यूनिवर्सिटी में मेडिकल उपकरण खरीदने के नाम पर भी करीब ढाई करोड़ रुपये का घोटाला किया था। सैफई पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है।