नई दिल्ली: देशभर में बढ़ती गर्मी और हीटवेव के बीच कई दर्जन लोगों की मौत हो गई। अब तक भीषण गर्मी के कारण 48 लोगों की मौत हो गई। बिहार में 32 लोग गर्मी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, ओडिशा में 10 और यूपी में चार लोगों की जान गर्मी के कारण चली गई है। बिहार में लू से 32 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 17 औरंगाबाद में, छह आरा में, तीन-तीन गया और रोहतास में, दो बक्सर में और एक पटना में हुई।
इसके अलावा ओडिशा के राउरकेला में 10 लोगों की मौत हो गई। झारखंड के पलामू जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, ओडिशा में भी 10 लोगों ने जान गवां दी और राजस्थान में 5 व उत्तर प्रदेश में भी 1 शख्स की मौत हुई है। इससे पहले बिहार के दरभंगा के रहने वाले 40 साल के एक शख्स की दिल्ली में लू लगने से मौत हो गई थी। उनके शरीर का तापमान सामान्य से लगभग 10 डिग्री अधिक 108 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ने के बाद कई अंगों की विफलता के कारण उनकी मौत हो गई।
भीषण गर्मी के देखते लोगों का दी जा रही सलाह
- गर्मी के संपर्क में आने से बचें, ठंडा रहें और निर्जलीकरण से बचें।
- प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर ध्यान दें।
- अधिक से अधिक पानी पीयें। प्यास न लगी हो तब भी पिएं।
- हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहनें।
- घर से बाहर निकलते समय धूप के चश्मे, छाता, टोप यानी हैट व चप्पल का प्रयोग करें।
- अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढककर रखें। तेज धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें।
- लू से प्रभावित व्यक्ति/ महिला को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोंछे अथवा नहलायें तथा जल्दी चिकित्सक से संपर्क करें।
- यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। कच्ची प्याज खाएं और ऊपरी जेब में भी रखें।
- ORS घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, कच्ची अंबियों का पना, इमली का पानी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
- हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचानें। यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
- अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिए इन्हें खोल दें।
- पंखे, गीले कपड़े का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें। कार्यस्थल पर पीने का शीतल पानी रखें।
- कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें।
- घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं।
- गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोग्रगस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए।