कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी ने वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आतंकवाद के आकाओं को चुनौती

कारगिल: 25वें कारगिल विजय दिसव के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लामोचेन (द्रास) में कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां आयोजित भव्य कार्यक्रम में कारगिल युद्ध नायकों की वीरगाथा का बखान किया गया। इस दौरान थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी मुख्य अतिथि रहे। वहीं, सेना की उत्तरी कमान के सभी प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे। ज्ञात हो कि 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज लद्दाख की ये महान भूमि कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की गवाह बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

ये देश कारगिल योद्धाओं का कृतज्ञ है

पीएम मोदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस बताता है कि देश की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं। ये देश उनके लिए कृतज्ञ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था। लेकिन सत्य की भी जीत हुई है। उस समय भारत शांति के लिए कार्य कर रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने विश्ववासघात किया। पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान ने अपने इतिहस से कुछ नहीं सीखा। पाकिस्तान आतंकवाद और छद्म युद्ध के सहारे खुद को प्रांसंगिक प्रयास कर रह है।

उन्‍होंने कहा कि आज मैं उस मंच से बोल रहा हूं। यहां से आतंकवाद के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई दे रही है। मैं उन्हें कह देना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। साथियों लद्दाख हो या फिर जम्मू कश्मीर विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा। कुछ ही दिन बाद 370 को निरस्त हुए पांच वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर नए सपनों की बात कर रहा है। आज जम्मू कश्मीर में जी20 जैसे सम्मैलन आयोजन कर रहा है। दशकों के बाद कश्मीर में सीनेमा घर खुले हैं। तीन दशकों के बाद श्रीनगर में ताजिया निकला है। जम्मू कश्मीर तेजी से शांति और सौहार्द के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

लद्दाख के बजट में छह गुना वृद्धि

प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख के लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ें। इज ऑफ लिविंग बढ़े इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। लद्दाख के बजट को छह हजार करोड़ दिया गया है। करीब छह गुणा बजट में बढ़ोतरी की गई है। लद्दाख में बिजली, पानी और सड़क की सुविधायों को विकसित किया जा रहा है। जल जीवन मिशन की वजह से अब लद्दाख में 90 प्रतिशत घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंच रहा है। शिक्षा के लिए सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है। जोजिला टनल का काम भी जारी है।

आज की परिस्थिति अलग है। आज हमारी सेना को हथियारों के साथ ही कार्यशैली में बदलाव करने की जरुरत है। बीते दस वर्षों में हमने रक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए 25 प्रतिशत प्राइवेट क्षेत्र के लिए रखा गया है। कभी भारत की पहचान हथियार मंगाने के तौर पर थी लेकिन अब एक्सपोर्टर के तौर पर अपनी नई पहचान बना रहा है। सेना ने तय किया है कि पांच हजार चीजें बाहर से नहीं मंगाई जाएंगी। हमारी सेना ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं। इसका एक उदाहरण अग्निपथ योजना भी है।

प्रधानमंत्री ने किया शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट  

प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया। यह सुंरग लद्दाख को हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी। इस सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल भी शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। इससे लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकेगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज व कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।