लखनऊ: दिव्यांगजन सशक्तिकरण तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने मंगलवार को अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में विभागीय मंत्री नरेंद्र कश्यप, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा, शंकुतला मिश्रा विवि के कुलपति प्रो. आर.के.पी सिंह सहित विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे। यह कार्यशाला दिव्यांगों को सशक्त बनाने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि यह रूटीन कार्यशाला नहीं, आज हम पेंशन और स्कॉलरशिप की बात नहीं करेंगे, विभागीय योजनाओं पर मंथन किया जाएगा। विभाग की प्राथमिकता शिक्षा देना भी है, आगे हम और क्या-क्या कर सकते हैं, आज इस पर मंथन होगा। हम और अच्छा कैसे कर सकते हैं, दिव्यांगो का जीवन कैसे सरल और सुगम हो सकता है, इस पर मंथन होगा। उद्यमशीलता क्या है, कैसे इसे आगे बढ़ता जाए, स्टार्ट अप की दुनिया में कैसे दिव्यांगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाए, इस पर मंथन किया जाएगा। वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में हमारा विभाग भी बड़ा योगदान दें, इस पर मंथन होगा।
दिव्यांगों को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा: भूपेंद्र एस चौधरी
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक भूपेंद्र एस चौधरी ने कहा कि विभाग का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है कि दिव्यांगजनों का विकास हो सके। रोजगार के क्षेत्र के लिए उन्हें तैयार किया जाए। उनकी शिक्षा, उनके लिए योजनाएं, उनके जीवन को सरल बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। विभाग द्वारा पेंशन योजना से लाभार्थियों को जोड़ा जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर के आयोजनों के माध्यम से दिव्यांगों को उनकी लाभ की योजनाओं से अवगत कराना विभाग की प्राथमिकता है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग निदेशक वंदना वर्मा ने बताया, इस विभाग की स्थापना सन् 1995 में हुई थी। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्तर को बढ़ावा देना ही विभाग का उद्देश्य है। विभाग की योजनाओं की समय-समय पर मॉनिटरिंग होती है। छह योजनाओं को विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना, दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना, पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक युवतियों के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना, शादी अनुदान योजना, छात्रावास निर्माण योजना, छात्रावास अनुरक्षण योजना विभाग की ओर से संचालित की जाती हैं।
शिक्षा के साथ-साथ स्टूडेंट्स का करते हैं संपूर्ण विकास: कुलपति
शकुंतला मिश्रा विवि के कुलपति प्रो. आर.के.पी सिंह ने कहा कि साल 2008 से संचालित इस विश्वविद्यालय में छह संकाय और 30 विभाग संचालित किए जा रहे हैं। दिव्यांगों की शिक्षा का यह उच्च केंद्र है। यह विवि सामान्य और दिव्यांग छात्रों को समावेशी शिक्षा देते हैं। छात्रवास भी यहां उपलब्ध है, लाइब्रेरी, स्टूडियो भी विवि में है। शिक्षा के साथ-साथ हम छात्रों को ओवरऑल डेवलप करते हैं और उन्हें स्वरोजगार के लिए पूर्ण रूप से तैयार करते हैं। इंडोर और आउटडोर विशिष्ट स्टेडियम भी उपलब्ध है। राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता का पहली बार यहां आयोजन किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि विशेष सुविधाओं की बात की जाए तो इस विवि में 11 अटैच्ड कॉलेज हैं, करीब 4500 छात्रों की संख्या है। दिव्यांग छात्र 1300 हैं। विशेष कोर्स भी संचालित किया जाता है, जिसमें सवर्ण दिव्यांग छात्रों को शिक्षा दी जाती है। डेफ कॉलेज भी है, जिसमें सवर्ण दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है। देश में यह पहला विवि था, लेकिन अब चित्रकूट में भी उच्च शिक्षा के केंद्र विभाग द्वारा बनाए गए हैं।
ऐसे ही आयोजनों से मिलती है विभागीय योजनाओं की जानकारी: मंत्री
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद मंत्री नरेंद्र कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि प्रयास था कि सामूहिक रूप से विभागीय अधिकारियों से संवाद हो। यह प्रयास आज पूरा हुआ। भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कई सुझाव और जानकारियां मिली थीं। विभागीय योजनाओं की जानकारी और उन योजनाओं का अनुपालन कैसे हो रहा है, इसकी जानकारी ऐसे ही कार्यशालाओं में प्राप्त होती रहती है। 62 जिलों में मैंने व्यक्तिगत जाकर अधिकारियों के साथ बातचीत की और विभाग को समझने की कोशिश की। सीएम योगी ने सभी को यह जिम्मेदारी दी की अपने-अपने विभाग को समझें और विभाग के कार्यों और योजनाओं को धरातल पर उतारने की रणनीति बनाई जाए। उसी का अनुपालन सभी मंत्री कर रहे हैं। मेरे पास दो विभाग हैं। दोनों विभागों का रोडमैप तैयार किया गया और उसे सीएम योगी के समक्ष पेश किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि आज कि इस कार्यशाला में मौजूद सभी विभागीय अधिकारियों ने बहुत कुछ जाना और समझा। आज मैं संवदेनशील अधिकारियों संग बैठा, जो इन दोनों विभागों के पंचवर्षीय रोडमैप को पूरा करने का जज्बा रखते हैं। जो विभाग मुझे मिले हैं, उनके उत्थान के लिए सभी विभागीय अधिकारी मेरा साथ दें। मैं यही चाहता हूं कि इन दोनों विभागों को मैं उच्चस्तर पर ले जाऊं, जिससे अगली सरकार का निर्माण होने के साथ जो मंत्री बनने की लाइन में लगे हों, उनकी चाह हो कि इन्हीं दोनों विभाग की कमान उन्हें मिले।