नई दिल्ली: भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सवाल पूछे जाने के बाद पतंजलि ने बुधवार (24 अप्रैल) को एक बार फिर अखबार में माफी छपवाई है। इस बार इसका आकार भी पहले से अधिक बड़ा है। गौरतलब है कि पतंजलि ने एक दिन पहले भी ऐसा ही एक माफीनामा छपवाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जानकारी मांगते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या उसकी माफी उसके विज्ञापनों जितनी बड़ी है।
रामदेव और उनके साथी बालकृष्ण की ओर से अखबार में छपवाई गई माफी का आकार एक अखबार के पन्ने का लगभग तीन-चौथाई है। इसमें बड़े-बडे़ अक्षरों में ‘बिना शर्त के माफी’ (Unconditional Apology) लिखा है। इस माफी के अंत में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ आचार्य बालकृष्ण और स्वामी रामदेव का नाम भी दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बालकृष्ण और रामदेव सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुए थे। उनकी ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा था कि वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने सोमवार को देश भर के 67 समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है।
इस पर जज जस्टिस हिमा कोहली ने पूछा कि क्या माफी आपके विज्ञापनों के आकार के बराबर मांगी गई है? इस पर रोहतगी ने कहा कि माफी 67 अखबारों में प्रकाशित हुई थी। इसकी लागत दसियों लाख है। वहीं, न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि हम सोच रहे हैं कि क्या आपके द्वारा प्रकाशित पूरे पृष्ठ के विज्ञापनों के लिए लाखों रुपये खर्च होते हैं?