लोकसभा में पीएम मोदी बोले- कांग्रेस ने भुगता परिवारवाद का खामियाजा

नई दिल्‍ली: लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्पीच पर धन्यवाद भाषण दिया। इस मौके पर उन्होंने विपक्ष, कांग्रेस और परिवारवाद पर तीखे बयान दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ही प्रोडक्ट को कई बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगने की नौबत आ गई। देश के साथ-साथ कांग्रेस ने भी परिवारवाद का खामियाजा भुगता।

पीएम मोदी ने कहा कि ये विपक्ष कई दशक तक सत्ता में बैठा था, वैसे ही इस विपक्ष ने कई दशक तक विपक्ष में बैठने का संकल्प लिया है। ईश्वररूपी जनता के आशीर्वाद से ये अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेंगे। मोदी ने कहा कि अबकी बार 400 पार, ये बात देश ही नहीं खड़गेजी भी बोल रहे हैं। जनता भाजपा को 370 सीटें जरूर देगी।

लोकसभा की कार्यवाही 6 फरवरी के लिए स्थगित

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही मंगलवार (6 फरवरी) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए नेशन फर्स्ट है। मैं सभी राजनीतिक दलों से सभी सदस्यों से अपील करता हूं- देश से बढ़कर कुछ नहीं। कंधे से कंधा मिलाकर हम देश के निर्माण के लिए आगे बढ़ें। मैं आपका साथ मांग रहा हूं। मैं विश्व के अंदर जो अवसर आया है, उसे भुनाने के लिए आपका साथ चाहता हूं। लेकिन आप अगर साथ नहीं दे सकते, आपका हाथ ईट फेंकने के लिए ही है, तो आपको बता दूं कि आपके फेंकी हर ईट पत्थर को विकसित भारत की नींव में लगा दूंगा। ये नामदार है, हम कामदार हैं। कामदारों केा नामदारों से सुनना ही पड़ता है। हम सुनते भी रहेंगे और देश को आगे बढ़ाते रहेंगे।जिसने देश को लूटा है, उसे लौटाना पड़ेगा

जिसने देश को लूटा है, उसे लौटाना पड़ेगा

जहां संविधान का राज है, जहां लोकतंत्र है, वहां ऐसी बातें लंबी नहीं चल सकती हैं। जांच करना एजेंसियों का काम है, एजेंसियां स्वतंत्र रहती हैं। जज करने का काम न्यायाधीशों का है। वे अपना काम कर रहे हैं। जिसको जितना जुल्म करना है, कर ले, मेरी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। जिसने देश को लूटा है, उसे लौटाना पड़ेगा। देश को लुटने नहीं दिया जाएगा।

देश सुरक्षा और शांति का एहसास कर रहा

देश सुरक्षा और शांति का एहसास कर रहा है। आतंकवाद नक्सलवाद छोटे दायरे में सिमट गए हैं। भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति पूरे विश्व को इस रास्ते पर चलने को मजबूर कर रही हैं। भारतीय सेनाएं बार्डर से समुद्र तक मजबूती से अपना काम कर रही हैं।