संसद में पीएम मोदी ने राम-राम से शुरू किया संबोधन

निकाले जा रहे राजनीतिक मायने

नई दिल्ली: अयोध्या में भगवान रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लोगों को संबोधित करना शुरू किया तो राम-राम के संबोधन से किया और खत्म सियाराम से किया था। पीएम मोदी बुधवार को संसद के बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए अपना संबोधन फिर से ‘राम-राम’ से किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आप सभी को 2024 की राम-राम।’ इस तरह पीएम मोदी ने अपनी बात शुरू और फिर खत्म करते समय फिर ‘राम-राम’ कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अनायास ही नहीं किया है, बल्कि उसके गहरे राजनीतिक और सामाजिक मायने भी हैं।

बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव को राम मंदिर मुद्दे के इर्द-गिर्द अपना एजेंडा सेट कर रही है। माना जा रहा है कि राम मंदिर का सियासी असर अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी दिखेगा। इन दिनों देश के गांव-गांव, गली-गली और शहर-शहर में अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का मुद्दा छाया हुआ है। ऐसे में पीएम मोदी राम मंदिर आंदोलन के चिर-परिचित वाले नारे, जय श्रीराम के नारे को त्यागकर राम-राम को बार-बार दोहरा रहे हैं।