पीएम मोदी का दलित बीजेपी सांसदों को आश्‍वासन, एससी/एसटी रिजर्वेशन में नहीं लागू होगा क्रीमी लेयर  

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (9 अगस्त) को संसद भवन में 100 दलित बीजेपी सांसदों को यह आश्वासन दिया कि अनुसूचित जाति और जनजातियों (SC/ST) के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा।। देर शाम केंद्र ने इसकी घोषणा भी कर दी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने यह टिप्पणी की थी कि SC-ST में भी क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार करना चाहिए। इसे लेकर सांसदों ने पीएम को एक ज्ञापन देकर अपनी चिंता जताई थी।

कल शाम में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनडीए सरकार बीआर अंबेडकर के बनाए गए संविधान से बंधी है। इस संविधान में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही सरकार

बीजेपी के ओडिशा से लोकसभा सांसद रबींद्र नारायण बेहरा ने भास्कर को बताया, सभी सासंदों ने एक स्वर से PM से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू मत करिए। इस पर पीएम ने आश्वस्त किया है कि SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को नहीं लाया जाएगा। बेहरा के अनुसार, पीएम ने कहा कि सरकार फैसले का अध्ययन कर रही है। क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं, सुझाव है। सांसद बृजलाल और डॉ. सिकंदर कुमार ने भी कहा कि हमारी चिंताओं पर प्रधानमंत्री ने कहा, वे सांसदों की भावनाओं के अनुरूप काम करेंगे।

राज्य आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटते हुए कहा था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी एससी के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अनुसूचित जाति को उसमें शामिल जातियों के आधार पर बांटना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं है। सात जजों की बेंच में शामिल जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के बीच भी क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।