लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार और भाजपा संगठन के बीच जारी सियासी खींचतान के बीच शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी शामिल हुए हैं।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की अहम बैठक हो रही है। इसमें लोकसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा होनी है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पर चर्चा के साथ सरकार के 100 दिनों की कार्य योजना पर भी चर्चा होगी। हालांकि, दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में दोनों डिप्टी सीएम को हिस्सा लेना है, लेकिन इस बुलावे को यूपी की सियासत से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम योगी शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे।
बयानों से प्रदेश में बढ़ी तल्खी
बता दें कि यूपी में सरकार और संगठन के बीच खींचतान की खबरें राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल के दिनों में ही कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है, जिसके बाद मनमुटाव की चर्चाओं को बल मिला था। वहीं लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद केशव ने दिल्ली में डेरा डाल दिया था। चुनाव के बाद केशव प्रसाद मौर्य की कई बार तल्खी सामने आ चुकी है। भाजाप नेताओं ने इस बीच कई बार संगठन और सरकार में सब ठीक होने के बयान दिए। लेकिन कुछ न कुछ ऐसा होता रहा, जिसने भाजपा में चल रही अंतरकलह बार-बार जगजाहिर किया।
योगी आदित्यनाथ ही रहेंगे सीएम: भूपेंद्र पटेल
इस बीच शुक्रवार को जयपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ही रहेंगे। पार्टी में चल रहे घमासान के सवाल पर कहा कि संगठन में लोकतंत्र है। सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। भूपेंद्र ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद यूपी में भाजपा सबसे ज्यादा मत प्रतिशत लाने वाली पार्टी है। हार के कारणों पर संगठन में बात होती है। अभी उपचुनाव को लेकर तैयारी चल रही है।