रायबरेली: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सरेनी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी राहुल गांधी के समर्थन में नुक्कड़ सभाएं कीं। शुक्रवार (17 मई) को डलमऊ के चौदहमिल व भोजपुर में प्रियंका वाड्रा ने जनसंपर्क करके समर्थन मांगा और फिर लालगंज में रोड शो किया।
प्रियंका गांधी ने चौदह मिल में कहा कि तीन महीने से प्रधानमंत्री पूरे चुनाव को हिंदू-मुसलमान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जो भी भाषण देते हैं, हिंदू-मुसलमान बोलते हैं। कल टीवी पर आए तो कहने लगे कि मैंने ऐसा कब कहा। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि आप रोज-रोज कह रहे हो और एक दिन सुबह उठे और कहने लगे कि मैंने ऐसा कब कहा। अगर मैं ऐसा कहता तो प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं होता।
प्रधानमंत्री गिरगिट की तरह बदलते हैं अपनी बात
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हो सकता है कि आप समझ गए कि आप लायक नहीं रहे,इस पद पर आसीन होने के लिए। प्रधानमंत्री को इतना मालूम होना चाहिए कि देश के सामने जो कह रहा हूं, उससे पीछे न हटूं। महीनों से हिंदू-मुसलमान कह रहे हैं, अचानक कह रहे कि मैंने तो कभी कहा ही नहीं। मेरे तो घर के आसपास मुसलमान रहते थे हम रोज बिरयानी खाते थे। उन्होंने कहा कि यह सुनकर हम विपक्ष के नेता भी चौंक गए कि यह क्या हो रहा है। देश के सबसे बड़े पद पर आसीन प्रधानमंत्री अपनी बात गिरगिट की तरह बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री के हाथ में देश का भविष्य है। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी जो कहती थी वह करती थी।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई शब्द कभी नरेन्द्र मोदी के मुंह से नहीं निकलता है। वह बात करेंगे धर्म की। वह आपसे कहेंगे कि कांग्रेस धर्म विरोधी है। उन्होंने कहा कि हम धर्म विरोधी कैसे बन सकते हैं हमारी तो पूरी पार्टी की नींव महात्मा गांधी ने डाली है। महात्मा गांधी ने पूरा स्वतंत्रता आंदोलन भगवत गीता की सीख पर किया, सत्य व अहिंसा के आधार पर किया। इससे बड़ी कोई धार्मिक परंपरा किसी भी पार्टी की है ही नहीं इस देश में।
इंदिरा गांधी धर्म नहीं, काम के आधार पर वोट मांगती थीं
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह लोग कहते हैं कि धर्म को बड़ा मानते हैं, गोमाता की बात करते हैं। यहां की गोशाला देखिए चारा, पानी, छत, छप्पर नहीं है। सारी गाय धूप में लेटकर मर रही हैं। दो साल पहले का वीडियो है 40-50 गाय मर गई, उन्हें बुलडोजर से दफनाया जा रहा है। ये लोग काम करते नहीं है लेकिन धर्म के आधार पर आपके घर वोट मांगने आ जाते हैं। उन्होंने कहा, इंदिरा गांधी काम के आधार पर वोट मांगती थीं। बहुत धार्मिक थी, रोज सुबह उठकर पूजा करती थीं। हर मंदिर और तीर्थ स्थान गईं, लेकिन धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगती थी।