ओम बिरला के इमरजेंसी पर बयान से खफा हैं राहुल गांधी, मुलाकात के बाद कह दी ये बात

नई दिल्‍ली: 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार (26 जून) को ‘आपातकाल’ की निंदा का प्रस्ताव पढ़ा था। इस दौरान उन्होंने आपातकाल की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया था। इसी बीच राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने इमरजेंसी पर प्रस्ताव पर अपनी नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक प्रस्तावों से हमें बचना चाहिए।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने आपातकाल की निंदा के प्रस्ताव पर अपनी नाखुशी जाहिर की और कहा कि स्पीकर को ऐसा राजनीतिक प्रस्ताव नहीं लाना चाहिए था और इससे बचना चाहिए था। इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ राहुल गांधी ने आज स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, ये शिष्टाचार भेंट है, जो कल ही प्रस्तावित थी। मगर, इमरजेंसी वाले प्रस्ताव के कारण विपक्ष नाराज था। आज की बैठक में राहुल गांधी ने इमरजेंसी पर कल के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।

कांग्रेस महासचिव ने भी जताई थी आपत्ति

आपातकाल की निंदा का प्रस्ताव पर कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह हम सबके लिए आश्चर्यजनक है कि किस तरह से अध्यक्ष ने इस मुद्दे (इमरजेंसी) को बताया। सरकार ने जानबूझकर आज का दिन चुना. आज सदन में एक अच्छा माहौल था, आज स्पीकर को लेकर चुनाव होना, भाजपा और केंद्र सरकार उस माहौल को बिगाड़ना चाह रही थी।

अखिलेश यादव ने साधा था भाजपा पर निशाना

आपातकाल की निंदा का प्रस्ताव पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने आज जो कुछ भी किया है, वह सिर्फ दिखावा है। उस समय (आपातकाल) सिर्फ वे ही जेल नहीं गए थे, बल्कि सपा और अन्य नेताओं ने भी उस समय को देखा। हम कब तक अतीत की ओर देखते रहेंगे? क्या बीजेपी लोकतंत्र रक्षक सेनानी को दिया जाने वाला भत्ता बढ़ाएगी?