रामलला के मंदिर में सोने की अनोखी रामायण के भी होंगे दर्शन, जानिए इसकी खासियत

अयोध्‍या: अयोध्‍या में रामलला के भक्त अब यहां सोने की अनोखी रामायण के भी दर्शन कर सकेंगे। इस रामायण को गर्भगृह में विधि-विधान पूर्वक स्थापित कर दिया गया है। ये खास रामायण मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती ने राम मंदिर ट्रस्ट को भेंट की है। नवरात्रि के पहले दिन यानी मंगलवार (9 अप्रैल) को इस रामायण की स्थापना के दौरान लक्ष्मी नारायण अपनी पत्नी के साथ मौजूद रहे।

इस रामायण का निर्माण चेन्नई के प्रसिद्ध वुममिडी बंगारू ज्वेलर्स ने किया है। रामायण को गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा से सिर्फ 15 फीट की दूरी पर एक पत्थर के आसन पर रखा गया है। इसके शीर्ष पर चांदी से बना राम का पट्टाभिषेक है। इस दौरान राम मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपाल राव, पुजारी प्रेमचंद त्रिपाठी सहित अन्य मौजूद रहे।

सोने की रामायण की खासियत

इस विशेष प्रतिकृति का प्रत्येक पृष्ठ तांबे से बना 14 गुणे 12 इंच आकार का है, जिस पर राम चरित मानस के श्लोक अंकित हैं। 10,902 छंदों वाले इस महाकाव्य के प्रत्येक पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है। गोल्डन प्रतिकृति में लगभग 480-500 पृष्ठ हैं और यह 151 किलोग्राम तांबे और 3-4 किलोग्राम सोने से बनी है। प्रत्येक पृष्ठ तीन किलोग्राम तांबे का है। धातु से बनी इस रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से अधिक है।