SCO में पीएम मोदी के न जाने की वजह पाकिस्तान नहीं था? पाक एक्सपर्ट बोले- देखना इस बार जहां भी होगा वो जरूर जाएंगे

पिछले साल पाकिस्तान में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल न होने की वजह दोनों देशों के बीच तनाव नहीं था? पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा है कि पाकिस्तान ही नहीं उससे पहले काजिकिस्तान में हुई एससीओ की बैठक में भी पीएम मोदी हिस्सा लेने नहीं गए थे, लेकिन इस बार जहां भी समिट होगा वह जरूर जाएंगे. उनका कहना है कि पहले जानबूझकर भारत ने चीन के बनाए एससीओ को डाउनग्रेड किया और ब्रिक्स को वैल्यू दी.

हाल ही में चीन के वाइस फॉरेन मिनिस्टर सन विडोंग और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बीच हुई मुलाकात को लेकर उन्होंने यह दावा किया है. उनका कहना है कि मुलाकात में तमाम बातों के बीच भारत ने चीन से कहा कि वह एससीओ की प्रेजीडेंसी के लिए चीन का सपोर्ट करेंगे और अगली बैठक में पार्टिसिपेट करेंगे, इसका मतलब ये है कि अगली एससीओ कॉन्फ्रेंस जहां भी होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां जरूर जाएंगे.

कमर चीमा ने कहा, ‘भारत ने जानबूझकर एससीओ को डाउनग्रेड करके चीन को कहा कि हम तुम्हारे बनाए संगठन के बजाय ब्रिक्स को वैल्यू देंगे. मिसाल के तौर पर जब दो साल पहले एससीओ की प्रेजीडेंसी भारत के पास थी तो सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को बुला लिया और जब हेड ऑफ गवर्नर्स की बात आई तो कैंसिल कर दिया और कहा कि हम इसको अलग अंदाज से देखते हैं. भारत का वो अलग अंदाज ये था कि उन्होंने ऑनलाइन बैठक की. उससे पहले पीएम मोदी कजाकिस्तान नहीं गए थे और पिछले साल पाकिस्तान भी नहीं आए. अब आप देखना वह एससीओ में इस बार जरूर जाएंगे.’

पिछले साल जुलाई में कजाकिस्तान के अस्ताना में 24वीं और 25वीं एससीओ मीटिंग अक्टूबर में इस्लामाबाद में हुई थी, जिनमें पीएम मोदी शामिल नहीं हुए थे. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हिस्सा लिया था. विक्रम मिस्री और सन विडोंग की इस मुलाकात से पाकिस्तान में खलबली मच गई है और इसको वहां दोनों देशों के बीच नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है. कमर चीमा ने कहा कि दोनों मुल्क के ताल्लुकात बेहतर हो रहे हैं, जबकि पाकिस्तान के साथ चीन के रिश्ते खराब हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि विक्रम मिस्री पहले चीन में भारत के एंबेसडर रह चुके हैं और सन विडोंग भारत में चीन के एंबेसडर रह चुके हैं. पाकिस्तान में भी रह चुके हैं.

पाक एक्सपर्ट ने कहा, ‘चीनी विदेश मंत्री और विक्रम मिस्री ने एक दूसरे के देशों के लिए जो बयान दिए हैं, उससे ऐसा लग रहा है जैसे मोहब्बतें बढ़ रही हैं. जैसे 2025 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा गर्मियों में शुरू हो रही है. एक तो ये चीज है इसको थोड़ा देखना होगा. साथ ही ब्रह्मपुत्र और अन्य नदियों के लिए ट्रांस बॉर्डर रिवर कोऑपरेशन को लेकर दोनों मुल्क इंडिया-चाइना एक्सपोर्ट लेवल मैकेनिज्म पर मीटिंग के लिए तैयार हो गए हैं.’

कमर चीमा ने यह भी कहा, ‘एयर सर्विस खोल दी गईं हैं. पहले इंडिया ने चीन को मुश्किल में ड़ाल दिया कि हम डायरेक्ट एयर सर्विस नहीं चलाएंगे. ऐसा भारत ने क्यों किया क्योंकि सारा फायदा चाइनीज एयरलाइंस को हो रहा था. दूसरा चाइनीज बिजनेस खराब हो रहे हैं और तीसरा ये था कि चाइनीज बिजनेसमैन जितना परेशान होगा चाइनीज हुकूमत को प्रेशराइज करेगा. चौथा ये था कि बैलेंस ऑफ ट्रेड जो है वह तो चीन के फेवर में है सौ अरब डॉलर, तो हम क्यों चीन के साथ एयरसर्विस खोलें. भारत ने इसका फायदा उठाया. अब समझें आप भारत के चीन के साथ ताल्लुकात अच्छे हो रहे हैं और चीन और पाकिस्तान के ताल्लुकात खराब हो रहे हैं.’