तो इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगाई इस्तीफे की झड़ी

Swami Prasad Maurya Resignation: स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज समाजवादी पार्टी की सदस्यता के साथ ही एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा की पद की लालच में मैं राजनीति में नहीं आया हूं। विचार धारा मेरे लिए महत्वपूर्ण है, राजनीति में विचारधारा सबसे महत्वपूर्ण है, अखिलेश से वैचारिक मतभेद है, मनभेद नहीं है। अखिलेश यादव की भूमिका पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, सपा से मैंने इस्तीफा दे दिया है। 22 फरवरी को मैं नई पार्टी का ऐलान करूंगा। उसी दिन आगे की रणनीति की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।

स्वामी प्रसाद मौया ने कहा की देश की संपत्तियां निजी हाथों में बेची जा रही है। संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नौजवान बेरोजगार है, किसानों को लाभ दिलाना तो दूर उनपर लाठियां बरसाई जा रही हैं। व्यापारियों की कमर तोड़ी जा रही। लोकतंत्र को खत्म करने के लिए ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। इंडिया अलायन्स को मजबूत करना ही मेरी प्राथमिकता है। आज मैंने सपा से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मैंने अखिलेश यादव से वार्ता की। उनसे बताया की सपा में कुछ ऐसे भी हैं जो पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कहा की जब भी मैं सपा को बढ़ाने का प्रयास करता हूं, मुझे रोका जाता हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने मुझसे कोई वार्ता नहीं की, इसीलिए मैंने सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।

एमएलसी सदस्यता से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मैंने सैदैव राजनीति में देश के दलितों आदिवासियों गरीबों किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। मैने हमेशा लड़ाई लड़ी, विचारधारा और मिशन मे जब कोई मेरे आड़े आया, उससे टकराने में गुरेज नहीं किया, राजनीति में विचारधारा महत्वपूर्ण है, विचारधारा के लिए कुर्सी छोड़ी है। मेरे लिए पद नहीं विचारधारा जरूरी है। पद के लिए मैने कभी राजनीति नहीं की है। मैं विचारधारा के लिए लड़ाई लड़ता हूं।