लखनऊ: बिजली की बढ़ती खपत और इसकी बढ़ी हुई कीमतों से उत्तर प्रदेश के नागरिकों को राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा को प्रमोट कर रहे हैं। सौर ऊर्जा को लेकर पूरे प्रदेश में कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन्हीं परियोजनाओं में सोलर पार्क भी शामिल है। प्रदेश में कुल 9 सोलर पार्कों को क्रियाशील किया जा रहा है, जिनकी कुल क्षमता 3710 मेगावाट है। इनमें से 435 मेगावाट के 3 सोलर पार्क कमीशंड भी हो चुके हैं, जबकि शेष 6 सोलर पार्कों को जल्द कमीशंड किए जाने के लिए बिड की प्रक्रिया जारी है।
इन सभी 9 सोलर पार्कों के लिए जमीन आवंटन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में बुंदेलखंड के 4 शहरों (झांसी, ललितपुर, चित्रकूट और जालौन) के अतिरिक्त कानपुर नगर, कानपुर देहात, मिर्जापुर और प्रयागराज जैसे शहरों में सोलर पार्क बनाए गए हैं। इनमें बुंदेलखंड और कानपुर नगर व कानपुर देहात में निर्माणाधीन सोलर पार्कों के लिए बिडिंग का कार्य जारी है।
टेंडर के माध्यम से अवार्ड की प्रक्रिया जारी
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण के निदेशक अनुपम कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष रूप से सोलर पार्कों की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर निवेश प्राप्त हुआ है। इसके तहत 9 सोलर पार्कों को विकसित किया जा रहा है। इसमें 365 मेगावाट क्षमता और 65 मेगावाट क्षमता वाले कुल 435 मेगावाट के सोलर पार्क कमीशन किए जा चुके हैं, जहां उत्पादन शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त 600 मेगावाट क्षमता का झांसी, ललितपुर सोलर पार्क, 800 मेगावाट क्षमता का चित्रकूट सोलर पार्क, 1200 मेगावाट का जालौन सोलर पार्क, 75 मेगावाट क्षमता का कानपुर देहात सोलर पार्क और 35 मेगावाट का कानपुर नगर सोलर पार्क निर्माणाधीन है। इनमें टेंडर के माध्यम से अवार्ड की प्रक्रिया चालू है। दो दिन पूर्व ही झांसी का टेंडर निकाला गया है, जबकि ललितपुर का और चित्रकूट सोलर पार्क का टेंडर मंगलवार तक निकाल दिया जाएगा।
जालौन सोलर पार्क का टेंडर भी अगले 15 दिन में निकाला जाएगा। 3710 मेगावाट इन सभी सोलर पार्कों के लिए जमीन आवंटित की जा चुकी है, जबकि कनेक्टिविटी की भी व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 3710 मेगावाट के निर्माणाधीन सोलरपार्क के अलावा 6900 मेगावाट के विभिन्न प्रोजेक्ट भी पूरे प्रदेश में चल रहे हैं। इनमें रूफ टॉप सोलर प्लांट और अन्य सभी सोलर प्रोजेक्ट्स को मिला लेंगे कुल मिलाकर 4130 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट कमीशंड किए जा चुके हैं।
प्रदेश में सौर ऊर्जा से 22 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य
सोलर पार्क के अतिरिक्त घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर लगाना, सोलर नगरों की स्थापना, कृषि फॉर्म को सौर ऊर्जा से बिजली देना, पंप स्टोरेज एवं जैव ऊर्जा के उत्पादन पर भी प्रदेश सरकार का फोकस है। बायोमास ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत प्रदेश में 25 लाख घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। प्रदेश में सौर ऊर्जा से 22 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। इसमें 6 हजार मेगावाट निजी व सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना करके की जाएगी तथा 14 हज़ार मेगावाट क्षमता की सौर उपयोगिता परियोजनाएं व सोलर पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना के तहत 16.17 मेगावाट ग्रिड ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से संचालित किया जा रहा है।
क्या है सोलर पार्क स्कीम?
सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के उद्देश्य से देश में कई स्थानों पर सोलर पार्क स्थापित करने में राज्यों को समर्थन देने के लिए दिसंबर 2014 को सोलर पार्क स्कीम शुरू की गई थी। सोलर पार्क जमीन का एक बड़ा हिस्सा होता है, जिसे सभी ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, पानी, कम्यनिकेशन नेटवर्क जैसी सामान्य इंफ्रा फैसिलिटीज के साथ विकसित किया जाता है। भारत सरकार द्वारा सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट के विकास के लिए लागू इस योजना के तहत 39,250 मेगावाट क्षमता को मंजूरी मिली है। अब तक 22 सोलर पार्कों में 11,591 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं देश में स्थापित की जा चुकी है।