मॉडल के रूप में विकसित होगा सरोजिनीनगर इंडस्ट्रियल एरिया, शुरू हुई मुहिम

उद्यमी और नगर निगम के संयुक्त प्रयासों से होगा सरोजिनीनगर इंडस्ट्रियल एरिया का विकास

  • परिचर्चा कार्यक्रम में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने उद्यमियों को दिया आश्वासन

लखनऊ: राजधानी स्थित सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया को ‘मॉडल इंडस्ट्रियल एरिया’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को साधने में संयुक्त रूप से सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन, स्माल इंडस्ट्रीज मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन और लघु उद्योग भारती कार्य करेगा। साथ ही इस लक्ष्य को प्राप्त करने में लखनऊ नगर निगम भी अहम भूमिका निभाएगा। लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया में MSME Challenges & Opportunities परिचर्चा में उद्यमियों को इसके प्रति आश्वस्त किया है।

नगर आयुक्त ने किया इंडस्ट्रियल एरिया का किया निरीक्षण, दिए निर्देश  

दरअसल, सोमवार को सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया में परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मुख्य सचिव और SIMA के मुख्य संरक्षक आईएएस आलोक रंजन, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया के प्रेसिडेंट नील मणि और लघु उद्योग भारती के लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरुण भाटिया समेत कई उद्यमी मौजूद रहे। इस दौरान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इंडस्ट्रियल एरिया का निरीक्षण भी किया और संबंधित अधिकारियों को तत्काल यहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश भी जारी किये। उन्होंने जोनल इंचार्ज को इंडस्ट्रियल यूनिट्स के अधिकारियों संग समन्वय बैठाकर कार्य करने के भी निर्देश जारी किया। खस्ताहाल सड़कें, स्ट्रीट लाईट की मरमम्त न होने और साफ़-सफाई की शिकायतों पर नगर आयुक्त ने नाराज़गी भी जताई और जल्द से जल्द इसपर कार्य करने का आदेश भी दिया।

नगर आयुक्त ने किया इंडस्ट्रियल एरिया का किया निरीक्षण
नगर आयुक्त ने किया इंडस्ट्रियल एरिया का किया निरीक्षण

UPSIDA, नगर निगम और उद्यमियों को बैठकर करना होगा समस्याओं का हल

परिचर्चा की शुरुआत में आईएएस आलोक रंजन ने अपने प्रशासनिक अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि मेरे कार्यकाल में भी इंडस्ट्रियल एरिया से जुड़ीं कई समस्याएं आई थीं। खाराब सड़कें। स्ट्रीट लाईट, ड्रेनेज सिस्टम आदि समस्याओं से तब भी इंडस्ट्रियल एरिया जूझते थे और आज भी समस्याएं जस की तस हैं। हां, यह बात जरूर है कि आज केंद्र और प्रदेश, दोनों ही सरकारों की प्राथमिकता है कि एमएसएमई सेक्टर का उत्थान किया जाए। आज देश और प्रदेश, दोनों का उद्यमी उत्साहित है। बस जरूरत है कि उसे वो सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं जिसकी उसे जरूरत है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकार की नीतियां और योजनाएं बेहतर हैं, बस उन्हें अमलीजामा पहनाने की जरूरत है।

आईएएस आलोक रंजन
आईएएस आलोक रंजन

उन्होंने कहा, कागजों से ऊपर उठने का समय आ गया है। मेरे कार्यकाल में ही यह आदेश था कि उद्यमियों से जो हाउस टैक्स लिया जा रहा है उसका 60 प्रतिशत इंडस्ट्रियल एरिया के डेवलपमेंट में लगाना है। हालांकि, उसपर कितना काम हुआ है यह सब सामने है। अब समय आ गया है कि UPSIDA और नगर निगम, दोनों ही उद्यमियों संग बैठें और उन्हें उनकी समस्याओं से निजात दिलाने का कार्य करें। इसकी शुरुआत सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया से ही होनी चाहिए।

उद्यमियों का एकजुट होना सबसे जरूरी: आलोक रंजन

आईएएस आलोक रंजन ने परिचर्चा में बैठे सभी उद्यमियों से आवाहन किया है कि सभी एकजुट हों और अपनी समस्याओं को संबंधित विभाग के पटल पर रखें, सभी एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं। अगर यह अभी नहीं हुआ तो कभी नहीं हो पाएगा। सरकार भी चाहती है कि इंडस्ट्री और उद्यमियों की समस्याओं से उन्हें निजात दिलाता जाए। इसलिए जरूरी है की आप सभी अपनी बातों को उठाएं। आरोप-प्रत्यारोप से कुछ नहीं होगा, सुझाव देना होगा।

माइक्रो इंडस्ट्री पर अलग से ध्यान देने की है जरूरत

वहीं, परिचर्चा में मौजूद SIMA के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव, सरोजिनीनगर इंडस्ट्रियल एरिया के सचिव रितेश श्रीवास्तव, लघु उद्योग भारती के अरुण भाटिया और अशोक सिंघल ने एक स्वर में बोला कि माइक्रो इंडस्ट्री से जुड़ी इकाइयों के लिए एक अलग सेल बनाने की जरूरत है। सभी ने कहा कि सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया को एक ‘मॉडल इंडस्ट्रियल एरिया’ बनाना हमारा उद्देश्य और लक्ष्य है। हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करना होगा तभी माइक्रो को बढ़ावा मिलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर और टैक्सेशन, हमारे लिए यह दोनों मुद्दे बड़े हैं और इन्हीं पर बात करनी सबसे जरूरी है। हमारा सुझाव है कि एक एसपीजी मॉडल बनाया जाए। जिसके अंतर्गत अधिकारी और उद्यमी आपसी सहयोग से कार्य करें और समस्याओं का हल ढूंढने में कामयाब हों।

SIMA के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव
SIMA के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव

नगर निगम की प्राथमिकता रहेगा सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया का सौंदर्यीकरण

परिचर्चा में मौजूद लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने उद्यमियों को आश्वासन दिया कि इस इंडस्ट्रियल एरिया से जुड़ी समस्याओं से जल्द ही निजात दिलाया जाएगा। आज हम सभी ने साथ बैठकर जिन मुद्दों पर बातचीत की अगर यह पहले हुई होती तो कार्य काफी हद तक पूरा हो गया होता। मैंने स्वंय इस इंडस्ट्रियल एरिया को विजित किया है और समस्याओं कोई पॉइंट आउट कर लिया है। स्ट्रीट लाईट की जल्द से जल्द मरम्मत की जाएगी। ड्रेनेज सिस्टम के लिए अगर अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ी तो नगर विकास विभाग से डिमांड भी की जाएगी। साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त मैन पॉवर की जरूरत पड़ी तो उसका भी इंतजाम किया जाएगा। टैक्स से जुड़ी समस्या भी मेरे संज्ञान में है। इसका भी निराकरण किया जाएगा। कुल मिलकर अब बात नहीं सिर्फ कार्य किया जाएगा और उद्यमी भाइयों को उद्योग करने का एक बेहतर वातावरण दिया जाएगा।

वन्दे भारत एक्सप्रेस के निर्माता ने भी बढ़ाया उद्यमियों का उत्साह

वहीं, कार्यक्रम में मौजूद वन्दे भारत एक्सप्रेस के निर्माता सुधांशु मणि ने भी एमएसएमई और उद्यमियों के योगदान पर बातचीत की। उन्होंने कहा, एमएसएमई आज हर देश के लिए बहुत ही जरूरी है। भारत को अगर चीन और जापान की अर्थव्यवस्था के करीब पहुंचना है और टक्कर देनी है तो एमएसएमई को बढ़ावा देना ही पड़ेगा। हालांकि, सरकार की तरफ से कई ऐसी योजनायें और नीतियां हैं जिनसे यह संभव हुआ है कि उद्यमी अपना उद्योग और बढ़ा सके। उद्यमिता विकास सिर्फ़ एक शब्द नहीं, अपने आप में एक बड़ा वाक्य है और सरकार-उद्यमी, दोनों को मिलकर ही इसे पूरा करना होगा।

बैंक भी है उद्यमियों के साथ

वहीं, परिचर्चा में मौजूद आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के क्लस्टर हेड अमित मिश्र और विवेक पाण्डेय ने बताया कि उद्यमियों के लिए हम हर संभव मदद मुहैया कराने को तैयार हैं। सस्ते दरों पर लोन देना और उद्यमियों के उद्योगों को बढ़ता हुआ देखना ही हमारा लक्ष्य है।

कार्यक्रम का संचालन सीमा की सक्रेटरी मंजरी निगम ने किया। इसके अलावा कार्यक्रम में नील मणि वार्ष्णेय, विनोद सुखवानी, सुमित मित्तल, अरूण सिंह, अशोक चावला, राजीव कक्कड़, रजत गुलाटी, संस्कार वर्मा, प्रसेनजीत सिंह समेत सरोजनी नगर इंस्ट्रीयल एरिया से जुड़े सैकड़ों उद्यमी कार्यक्रम में मौजूद रहे।