सपा विधायक अतुल प्रधान ने शुरू किया चिपको आंदोलन, लगाए ये आरोप

Atul Pradhan News: मेरठ में सपा एमएलए अतुल प्रधान और वन विभाग के अफसर आमने सामने हैं. मामला इतना बढ़ गया कि सपा एमएलए अतुल प्रधान मुख्य वन संरक्षक के ऑफिस के बरामदे में ही जमीन पर धरना देकर बैठ गए. वो इतने गुस्से में थे कि काफी समझाने के बाद भी वहां से नहीं उठे.इससे वन विभाग के अफसरों में अफरा तफरी मच गई.

क्या है मामला?

मेरठ में गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है. सपा एमएलए अतुल प्रधान ने अवैध रूप से पेड़ काटने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. इसी मामले में वो मुख्य वन संरक्षक अधिकारी एन के जानू से मिलने पहुंचे थे.विधायक का आरोप है कि उन्हें मिलने का टाइम दिया गया था. लेकिन जब निर्धारित समय पर पहुंचे तो मुख्य वन संरक्षक अधिकारी नहीं मिले. वो अपने ऑफिस में नहीं थे और फोन भी बंद था. सपा एमएलए अतुल प्रधान का आरोप है कि कई बार फोन करने के बाद जब मुख्य वन संरक्षक से बात हुई तो उनका सलीका ठीक नहीं था.

सपा विधायक ने की चिपको आंदोलन की शुरुआत

सोमवार को सपा एमएलए अतुल प्रधान ने चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी.वो सोमवार को भी मुख्य वन संरक्षक एन के जानू से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन किसी काम के सिलसिले में वो बाहर गए हुए थे.इसके बाद मुख्य वन संरक्षक के ऑफिस के सामने एमएलए अतुल प्रधान पेड़ से चिपककर खड़े हो गए थे.बोले, पेड़ बचाने आया हूं जरूरत पड़ी तो पदयात्रा निकालूंगा. चिपको आंदोलन शुरू करूंगा.

कमिश्नर से मिले अतुल प्रधान

सपा एमएलए गंग नहर कांवड़ पटरी निर्माण में अवैध कटान और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कमिश्नर मेरठ मंडल सेल्वा कुमारी जे से मिले थे.उन्होंने इस मामले में लिखित शिकायत भी की है.विधायक अतुल प्रधान का आरोप है कि नियम कायदे कानून ताक पर रख दिए गए.अंधाधुंध पेड़ काटे जा रहे हैं, नियम से भी अलग हटकर अवैध रूप से पेड़ काटे जा रहे हैं और वन विभाग खामोश है.इससे हरियाली को नुकसान हो रहा है.इस मामले की जांच होनी चाहिए.कमिश्नर के यहां डीएफओ राजेश कुमार भी मौजूद थे.

कमिश्नर ने की जांच के लिए टीम गठित

सपा एमएलए अतुल प्रधान के आरोपों की जांच के लिए मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जिसमें अपर आयुक्त मेरठ मंडल अमित सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मेरठ बलराम सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन गाजियाबाद रणविजय सिंह और मेरठ मंडल के वन संरक्षक रमेश चंद्र को शामिल किया गया है.एक महीने के भीतर ये टीम जांच कर रिपोर्ट कमिश्नर मेरठ मंडल सेल्वा कुमारी जे को सौंपेगी.