नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी रिजल्ट 2024 विवाद पर ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर मंगलवार (17 जून) को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सरकार और एनटीए से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है तो वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। इससे पहले साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की टिप्पणी कर ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) की परीक्षा रद्द की थी। तब कोर्ट का कहना था कि एक भी फर्जी डॉक्टर बनता है तो पूरी परीक्षा रद्द होनी चाहिए। इस बात के सबूत हैं कि परीक्षा में इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन कितने स्टूडेंट्स ने इसका इस्तेमाल किया, ये नहीं कहा जा सकता। ऐसे में परीक्षा रद्द करना जरूरी है।
चार याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वैकेशन बेंच ने इस मामले से जुड़ी चार याचिकाओं को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। वकीलों से भी उसी दिन सभी मामलों पर बहस करने के निर्देश दिए हैं। चार जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट का रिजल्ट घोषित किया था। पहली बार ऐसा हुआ है, जब 67 कैंडिडेट को 720 में से 720 नंबर मिले हैं।