पार्षद और नगर आयुक्त के बीच का विवाद बढ़ा, पार्षद ने मुकदमा दर्ज कराने की उठाई मांग

लखनऊ: नगर निगम सदन में बीजेपी पार्षद और नगर आयुक्त के बीच हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। इसकी रिपोर्ट शासन ने मांग ली है। वहीं, पार्षद राम नरेश रावत ने पूरे मामले में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख अपनी पार्टी के मेयर समेत कई पार्षदों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। जबकि मेयर ने पूरे सदन की रिकॉर्डिंग मांगी है।

जानिए विवाद की वजह

बुधवार को विशेष सदन की बैठक के दौरान कचरा कंपनी रामकी को लेकर बवाल मच गया था। पार्षद रामनरेश रावत ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह पर ऑफर लेने का आरोप लगाया तो नगर आयुक्त ने सख्त नाराजगी जाहिर की। और वह सदन से बाहर चले गए थे। इसके बाद महापौर ने भी पार्षद को सदन से बाहर करने के निर्देश दिए तो फिर बवाल खड़ा गया था। महापौर के बार-बार कहने और सदन से निष्कासित करने के आदेश के बाद भी बाहर नहीं गए। इसकी वजह से पुलिस बुलानी पड़ी थी। भाजपा के पार्षदों ने ही उन्हें सदन से घसीटकर बार किया।

छत से कूदकर जान देने की बात

सदन से बाहर किए जाने पर पार्षद ने छत से कूदकर आत्महत्या करने की धमकी दी तो उन्हें छोड़ दिया गया था। अब इस हंगामे पर शासन ने नगर आयुक्त से रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए निगम के अधिकारी पार्षद के वर्तमान कार्यकाल के अलावा पिछले कार्यकाल में किए गए कामों का विवरण जुटा रहे हैं। पिछले कार्यकाल में भी राम नरेश रावत का तत्कालीन महापौर संयुक्ता भाटिया से काफी विवाद हुआ था। उन पर भी तमाम गंभीर आरोप लगाए थे। इस पूरी रिपोर्ट को राम नरेश के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।

बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट से पार्षद की सदस्यता तक जा सकती है। सदन में चार कैमरे भी लगाए गए थे, जिससे कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही थी। महापौर ने बुधवार को ही सदन की बैठक की पूरी रिकॉर्डिंग मंगाई थी। नगर निगम ने गुरुवार को रिकॉर्डिंग भेज दी, जिसे देखकर मेयर शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेंगी।