प्रदेश में भयमुक्त वातावरण से बढ़ी पर्यटकों की संख्या, महाकुंभ यूपी के लिए स्वर्णिम अवसर: जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पांसिबल टूरिज्म के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में विभाग और इंटरनेशनल सेण्टर फॉर रिस्पान्सिबल टूरिज्म इंडिया (आईसीआरटी) के बीच पर्यटन भवन में आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा और आईसीआरटी की हेड मनीषा पाण्डेय उपस्थित थीं।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि सरकार की ओर से कुशल शासन और सुरक्षा की वजह से संभव हुआ है। प्रशासन ने प्रदेश में भयमुक्त वातावरण दिया, जिससे पर्यटकों की संख्या अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017 की तुलना में पिछले साल पर्यटकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गयी और इसी अवधि में 48 करोड़ पयर्टकों का प्रदेश मंे आगमन हुआ। उप्र घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर बना हुआ है। राज्य सरकार का प्रयास है कि अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाकर विदेशी पर्यटकों के मामले में भी उ0प्र0 तीसरे स्थान से पहले स्थान पर स्थापित किया जाए।

महाकुंभ-2025 हमारे लिए चुनौती और अवसर दोनों: जयवीर सिंह

जयवीर सिंह ने कहा कि धार्मिक पर्यटन, इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म आदि के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महाकुंभ-2025 हमारे लिए चुनौती और अवसर दोनों है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों की हर सुविधा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, आज का समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर्यावरण की दृष्टि से भी अहम है। आईसीआरटी के प्रयास से ग्रामीण टूरिज्म बढ़ेगा। राज्य सरकार महाकुंभ में अपने सामर्थ्य का प्रचार-प्रसार करके देशी और विदेशी सैलानियां को उप्र आने का वातावरण बनायेगा। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाल के महीनों में विभिन्न एमओयू साइन हुए हैं, हर 6 महीने में कार्य प्रगति की समीक्षा होनी चाहिए। ताकि, पता चले कि इन समझौतों का कितना फायदा पर्यटन विभाग को मिला। हमें भविष्य की रणनीति तय करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमओयू के उद्देश्य को धरातल पर उतारने की जरूरत है। जिससे अनुभव प्राप्त हो और पर्यटन सेक्टर को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।