क्रांतिकारियों की गाथा नई पीढ़ी तक पहुंचे: डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा

शहीद क्रांतिकारियों के संघर्षों से युवा पीढ़ी को अवगत कराना जरूरी

बरेली: अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत के तत्वावधान में चल रही क्रांति तीर्थ श्रृंखला के अंतर्गत एक काव्य गोष्ठी का आयोजन साहित्य परिषद की जनपदीय कोषाध्यक्ष निरुपमा अग्रवाल के प्रभात नगर स्थित आवास पर किया गया। क्रांति तीर्थ श्रृंखला के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य शहीद क्रांतिकारियों के बलिदानों एवं संघर्षों से हमारी नई पीढ़ी को अवगत कराना है। विद्यालयों में छात्रों के मध्य विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज की यह काव्य गोष्ठी शहीद क्रान्तिकारियों को समर्पित है।

काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता जनपदीय अध्यक्ष एवं बरेली कालेज के हिन्दी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. एसपी मौर्य ने की। गीतकार मोहन चंद्र पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती की वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। “मेरी कलम सदा लिखती है, भारत मां के वन्दन को। मैं मस्तक पर तिलक लगाता, इसके माटी चन्दन को। डॉ. ब्रजेश कुमार शर्मा ने यह रचना पढ़ पूरे वातावरण को देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया।

इसके बाद डॉ. अखिलेश कुमार गुप्ता, रमेश रंजन, विकास शर्मा, सत्यवती सत्या, प्रवीण शर्मा, निरुपमा अग्रवाल, मिथलेश चंद्र दीक्षित, मोहन चन्द्र पाण्डेय तथा एसके कपूर ने एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर सबकी बाहबाही लूटी। गोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. एसपी मौर्य द्वारा प्रस्तुत यह रचना सबके द्वारा बहुत सराही गई। “एक श्वांस का भी उसको अधिकार नहीं है। जिसका है तन उस पर ही वह बलिहार नहीं है। काव्य गोष्ठी का सफल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार निरूपमा अग्रवाल ने किया। प्रवीण कुमार शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।