16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी करेंगे हड़ताल,लोकसभा चुनाव तक कर्मचारी सम्मेलन किए जाएंगे आयोजित…

लखनऊ: आठवें पे कमीशन के गठन और पुरानी पेंशन बहाली के इंकार से गुस्साए देशभर के कर्मचारी 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे और जिला कलेक्टर आफिस पर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बावजूद भी मांगों को हल नहीं किया तो सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव तक कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे

जिसमें कर्मचारियों को सरकार की जन एवं मजदूर-कर्मचारी विरोधी नीतियों और मांगों के प्रति सरकार के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए की जानकारी दी जाएगी। यह ऐलान वीरवार को लखनऊ में कृषि भवन में उ.प्र. राज्य कर्मचारी महासंघ की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया।

यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन

प्रेस कांफ्रेंस में अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स महासंघ के उपाध्यक्ष एसपी सिंह, राज्य अध्यक्ष अमरनाथ यादव,ओपी त्रिपाठी,उ.प्र.राज्य कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष कमल अग्रवाल,अ.भा.रा.स.क.महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा,सचिव पुनीत त्रिपाठी, एनईसी सदस्य अफिफ सिद्दीकी,यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान धर्मेंद्र प्रताप सिंह व महासचिव हेमन्त सिंह खड़का व संदीप पांडेय आदि मौजूद थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष लांबा ने गत वर्ष बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियर की उ.प्र. में हुई ऐतिहासिक हड़ताल में उर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के तहत उत्पीड़न एवं दमन की कार्यवाहियों को समाप्त न होने की घोर निन्दा की और शीघ्र अतिशीघ्र इसे समाप्त करने की मांग की।

एक करोड़ पदों को पक्की भर्ती

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, आठवें पे कमीशन के गठन,18 महीने के बकाया डीए डीआर के भुगतान, ठेका संविदा कर्मियों को नियमित करने व खाली पड़े करीब एक करोड़ पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने आदि के लिए घन नहीं है।

उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के लिए सरकार के पास घन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में केन्द्र सरकार ने बड़े पूंजीपतियों के करीब 18 लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाल दिए हैं और कई लाख करोड़ रुपए टैक्स माफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं कारपोरेट टैक्स को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत कर लाखों करोड़ रुपए की राहतें दे दी गई है।