ऐसे एक ही पटरी पर आ जाती हैं दो ट्रेन, इस सिस्टम में तकनीकी भूल से होते हैं हादसे

नई दिल्‍ली: पश्चिम बंगाल में सोमवार को कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से एक मालगाड़ी ट्रेन ने टक्कर मार दी। हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इस ट्रेन हादसे में 15 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद रेलवे की टीम जांच में जुट गई है।

इस रेल हादसे के बाद रेलवे पर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसकी गलती की वजह से ऐसा हादसा हुआ है। किन कारणों से दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आखिर रेलवे का ये सिस्टम कैसे काम करता है और किस तरह एक ट्रैक पर दो ट्रेनों को आने से रोका जाता है, जिसमें गलती की वजह से इस तरह के हादसों का सामना करना पड़ता है।

सिग्‍नल फाल्‍ट या इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग चेंज में गलती

दरअसल, रेलवे में हर ट्रेन और उसके रूट के हिसाब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम सेट होता है, जिसकी वजह से हर ट्रेन अलग ट्रैक पर होती है और दुर्घटना की कोई संभावना नहीं होती है। लेकिन, एक ट्रैक पर दो ट्रेनों की आपस में भिड़ने की वजह सिग्नल फाल्ट या इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग चेंज में कोई गलती होना होती है।

रेलवे ट्रेक में इलेक्ट्रिकल सर्किट इंस्टॉल लगाए जाते हैं। जैसे ही ट्रेन ट्रैक सेक्शन पर आती है, तो इस सर्किट के जरिए ट्रेन के आने का पता चलता है। ट्रेन के आने का पता चलने के साथ ही ट्रैक सर्किट इसकी जानकारी आगे फॉरवर्ड करता है और इसके आधार पर ईआईसी कंट्रोल सिग्नल आदि को कंट्रोल करता है। इस जानकारी के आधार पर ये सूचना दी जाती है कि अब ट्रेन को किस तरफ जाना है।

टेक्निकल फाल्‍ट या मानवीय गलती भी हो सकती है वजह

कंट्रोल रुम के जरिए ही ट्रेन के रूट को तय कर दिया जाता है। दो पटरियों के बीच एक स्विच होता है, जिसकी मदद से दोनों पटरियां एक दूसरे जुड़ी हुई होती हैं। ऐसे में जब ट्रेन के ट्रैक को बदलना होता है, तो कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी कमांड मिलने के बाद पटरियों पर लगे दोनों स्विच ट्रेन की मूवमेंट को राइट और लेफ्ट की तरफ मोड़ते हैं और पटरियां चेंज हो जाती हैं। लेकिन, अभी भी कई बार टेक्निकल कारणों से या फिर मानवीय गलती की वजह से ट्रैक चेंज नहीं हो पाता है और ट्रेन तय रूट से अलग ट्रैक पर चली जाती है। इसका नतीजा ये होता है कि वो ट्रेन उस ट्रैक पर आ रही ट्रेन से टकरा जाती है।