वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। वाराणसी में पीएम मोदी के रोड शो को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के साथ ही रोड शो के भव्य स्वागत की तैयारी है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, शाह, आदित्यनाथ और चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 मई को वाराणसी संसदीय क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किए जाने और उनके रोड शो की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव संचालन समिति के सदस्यों, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक भी की। पीएम मोदी के ठहरने और नामांकन में रहने वाले प्रस्तावकों के नामों पर चर्चा हुई।
शाह, योगी गंगा आरती में शामिल हुए
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के साथ शनिवार शाम यहां दशाश्वमेध घाट में गंगा आरती में शामिल हुए। गंगा आरती में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक ड्रोन शो भी आयोजित किया गया। शाह और आदित्यनाथ शनिवार शाम लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे।
चुनाव राम भक्तों और राम द्रोहियों के बीच है : योगी
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को ‘‘राम द्रोही’’ करार देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन ‘‘गोहत्या’’ को बढ़ावा और मुसलमानों को आरक्षण देकर ‘‘धार्मिक आधार पर देश के विभाजन’’ का पक्षधर है। बिहार की बेगूसराय लोकसभा संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘वर्तमान चुनाव राम भक्तों और राम द्रोहियों के बीच है । मैं भगवान राम की भूमि से आता हूं। मुझे पता है कि बिहार के लोगों के दिलों में अयोध्या के मंदिर के लिए एक विशेष स्थान हैए जो देवी सीता का जन्मस्थान है।’’ कांग्रेस और सपा का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा, ‘‘राम द्रोहियों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं माफिया डॉन की मौत पर शोक मनाया।’’ योगी का इशारा 1980 के दशक में ‘‘कार सेवकों’’ पर पुलिस गोलीबारी की ओर था, जब सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।