बस्ती: शनिवार को बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल जिलाध्यक्ष आनन्द राजपाल के नेतृत्व में पदाधिकारियों और व्यापारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने एसी प्रशासनिक उपेन्द्र यादव के माध्यम से कमिश्नर राज्य कर उप्र शासन लखनऊ को 7 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। मांग किया कि यूपीजीएसटी द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के वादों की सुनवाई हेतु जारी किये जा रहे नोटिसों और उनमें व्याप्त विसगंतियो का समाधान कराया जाय।
ज्ञापन सौंपने के बाद जिलाध्यक्ष आनन्द राजपाल और जिला महामंत्री सूर्य कुमार शुक्ल ने संयुक्त रूप से बताया कि विभाग द्वारा जारी किये गये नोटिसों को सुनवाई में विभागीय भ्रष्टाचार चरम पर है। व्यापारी या उनके अधिवक्ताओं द्वारा जो स्पष्टीकरण और साक्ष्य दिये जा रहे है, सुविधा शुल्क के अभाव में निरस्त किये जा रहे है। एक-दो हजार रुपये कर की वसूली में 10 से 20 हजार रुपये अधिकारियों के द्वारा लिये जा रहे है। जिस पर रोक लगाया जाना अति आवश्यक है। इससे शासन व प्रशासन की छवि खराब हो रही है।
कमिश्नर राज्य कर उप्र शासन को भेजे 7 सूत्रीय ज्ञापन में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2017 से देश में जीएसटी व्यवस्था शुरू की गयी थी। प्रदेश में वर्ष 2017 व 2018-19 के नोटिस जारी किये गये है और अभी भी जारी किये जा रहे है, जिससे प्रदेश के व्यापारी समाज में हड़कम्प मचा हुआ है, पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर नोटिस जारी करने का क्रम जारी है, जिनका शीघ्र ही समाधान कराया जाना आवश्यक है। मांग किया गया कि जीएसटी धारा 73 के अन्तर्गत नोटिस जारी करने की समय सीमा संबंधित वित्तीय वर्ष के वार्षिक विवरण की तिथि से 3 वर्ष निर्धारित की गयी है, चूँकि वर्ष 2017-18 की वार्षिक विवरण जम करने की अंतिम तिथि 7 फरवरी, 2020 थी, लेकिन दो वर्ष के कोरोना काल के कारण धारा 73 के अन्तर्गत नोटिस जारी करने की तिथि 31 दिसम्बर, 2023 कर दी गयी, जिसके कारण व्यापारी को वर्ष का ब्याज मय पेनाल्टी के भुगतान करने को बाध्य होना पड़ रहा है।
ब्याज की दर 18 प्रतिशत वार्षिक है जो कि बहुत अधिक है, जिसे 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। जीएसटी में धारा 73 के अन्तर्गत पेनाल्टी की राशि को कर की राशि के 10 प्रतिशत और दस हजार रुपये इन दोनों में से जो राशि कम हो वह निर्धारित की जाये। धारा-61 के अन्तर्गत जीएसटीआर- 9 सीके अन्तर को प्रदर्शित करते हुए विसंगतियों के लिये नोटिस जारी किये जा रहे है, जिन व्यापारियों पर जीएसटीआर- 9 एवं जीएसटीआर- 9 सी लागू नहीं होता उन्हें इस बिन्दु पर नोटिस जारी न किये जाये। धारा- 61 के अन्तर्गत यदि विसंगतियों का अंतर 5000 रुपये से कम है, उन्हें भी नोटिस जारी न किये जाये। कार्यालय आयुक्त राज्य कर उप्र के सर्कुलर संख्या 528 दिनांक 16-10-2023 के द्वारा आईटीसी रेवर्सल के संबंध में जारी किये गये परिपत्र को अविलम्ब वापस लिया जाये।