नहीं आएंगे क्रेडिट कार्ड, लोन वाले अनचाहे फर्जी कॉल, सरकार ने कर ली खास तैयारी

नई दिल्ली: आपके मोबाइल पर दिन भर आने वाले बैंकिंग फ्रॉड कॉल पर पूर्ण विराम लगाने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। जल्द ही, इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। दूरसंचार विभाग और TRAI ने इससे जुड़ा बिल ड्राफ्ट कर लिया है, जिसे जल्द ही पारित किया जाएगा। इस नई ड्राफ्ट गाइडलाइन्स का नाम प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ अनसोलिसिटेड एंड अनवारंटेड बिजनेस कम्युनिकेशन, 2024 रखा गया है। कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने पिछले दिनों 10 मई को इसके लिए मीटिंग रखी गई थी। इस नए बिल के आने के बाद आपके फोन पर क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन आदि से संबंधित फर्जी कॉल्स नहीं आएंगे।

DoCA ने तैयार की गाइडलाइंस

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स (DoCA) द्वारा आयोजित इस मीटिंग की अध्यक्षता निधि खरे ने की, जिसमें दूरसंचार विभाग (DoT), दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI), सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन (COAI) और सभी टेलीकॉम कंपनियों BSNL, Jio, Airtel, Vi के अधिकारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्राफ्ट गाइडलाइंस में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया गया है ताकि किसी अन्य कानून की अनदेखी न हो सके। इसमें उदाहरण के साथ उन कम्युनिकेशन को लिस्ट किया गया है, जिन्हें अनचाहा या अनुचित कम्युनिकेशन माना जाता है। इसके लिए कमिटी में शामिल सदस्यों द्वारा कई सुझाव दिए गए हैं। उनके द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर DoCA जल्द इन दिशा-निर्देशों यानी गाइडलाइंस को अंतिम रूप देगा।

प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ अनसोलिसिटेड एंड अनवारंटेड बिजनेस कम्युनिकेशन, 2024 की ड्राफ्ट गाइडलाइंस को कमिटी के कई सबग्रुप द्वारा तैयार किया गया है, जिसे DoCA ने इस साल फरवरी में सेट किया था। अधिकारियों की मानें तो इसके लिए कई मीटिंग की गई और यह माना गया कि इस तरह के अनचाहे कॉल्स बड़ी समस्या है और इसका निदान बेहद जरूरी है।

कॉलर आईडी डिस्प्ले करने की सलाह

इस गाइडलाइंस में TRAI और DoT द्वारा कई पहलुओं पर विचार किया गया है ताकि फर्जी कॉल को रोका जा सके। इससे पहले TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को कॉलर नेम एक्टिवेट करने की सलाह दी थी। साथ ही, स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को इस फीचर को इनेबल करने का निर्देश दिया गया था।

इस मीटिंग में शामिल अधिकारियों का कहना है कि टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कंज्यूमर प्रिफरेंश रेगुलेशन 2018 में पहले ही प्रिंसिपल एंटिटी जैसे कि बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट, इंश्योरेंस कंपनी और ट्रेडिंग कंपनी को डिजिटल कंसेंट एक्वीजिशन (DCA) सिस्टम लागू करने के लिए कहा गया था। DCA सिस्टम का मुख्य मकसद एक यूनिफाइज प्लेटफॉर्म तैयार करना है, जहां उपभोक्ता अपने डिजिटल कंसेंट दे सके।