अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच आवागमन को बेहतर बनाने के लिए अलीगढ़-पलवल मार्ग के नवीनीकरण और चौड़ीकरण की प्रक्रिया जोरों पर है. यह मार्ग 85 किलोमीटर लंबा है और इसके सुधार कार्यों के लिए 2500 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. इसमें से लगभग 1500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे.
31 गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण : इस परियोजना के तहत 31 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. पहले चरण में 17 गांवों के लिए अवार्ड घोषित कर दिया गया था, जिसमें 550 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया. अब 4 और गांवों का अवार्ड तैयार हो चुका है, जिनके लिए लगभग 50 करोड़ रुपये मुआवजा बांटा जाएगा. शेष 10 गांवों का अवार्ड भी जल्द घोषित किया जाएगा.
एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने जानकारी दी कि अलीगढ़-पलवल मार्ग परियोजना के तहत 17 गांवों का अवार्ड घोषित किया जा चुका है. इसके अलावा चार और गांवों के लिए मुआवजा निर्धारित करने का खाका तैयार हो चुका है. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इन 21 गांवों में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे भूमि अधिग्रहण तेजी से संपन्न होगा और परियोजना कार्य में गति आएगी.
यमुना एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा यह मार्ग : एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने बताया कि चिन्हित गांवों में प्रशासन ने मुआवजा बांटने के लिए कैंप की शुरुआत की है. जिन गांवों में मुआवजा दिया जा रहा है, उनमें अर्राना, उदयगढ़ी, बांकनेर, गणेशपुर, नगला अस्सु, उसरह रसूलपुर, चौधाना, जरारा, लक्ष्मणगढ़ी, जलालपुर, हीरपुरा और रसूलपुर गांव शामिल हैं. छह साल पहले लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग को फोरलेन बनाया था, जिस पर 552 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. खैर और जट्टारी में बाईपास का निर्माण नहीं हो सका, जिससे यातायात में दिक्कतें हो रही थीं. अब यह मार्ग टप्पल में यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से जुड़ने जा रहा है.
कस्बों में ट्रैफिक की समस्या होगी कम : इस मार्ग के चौड़ीकरण से दिल्ली-एनसीआर, गुरुग्राम, मथुरा, आगरा और ग्रेटर नोएडा तक की यात्रा आसान होगी. इसके साथ ही अलीगढ़ और पलवल के बीच के कस्बों में ट्रैफिक की समस्या कम होगी. क्षेत्र के आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच के औद्योगिक और व्यापारिक संबंधों को और सुदृढ़ बनाएगी. यात्रियों को बेहतर और तेज यात्रा अनुभव मिलेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ आस-पास के जिलों को भी लाभ होगा.