उत्तरकाशी: सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग नहीं हो पाएगी। मजदूरों से सिर्फ 10 मीटर दूर अमेरिकी ऑगर मशीन टूटने की वजह से रेस्क्यू का काम शुक्रवार से रुका हुआ है।
रविवार (26 नवंबर) को टनल में मजदूरों से बात करने के किए फोन की लैंडलाइन डाली जाएगी। इससे मजदूर अपने परिजन से बात कर सकेंगे। वहीं, वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने के किए तैयारियां तेज हैं। आज शाम तक इस पर काम शुरू हो सकता है। साथ ही प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के शाफ्ट और ब्लेड्स को काटकर बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा।
मैन्युअल ड्रिलिंग से निकाला जाएगा ऑगर मशीन का टूटा हिस्सा
हालांकि, ये बहुत मुश्किल होने वाला है। अगर इस मशीन के टुकड़े सावधानी से नहीं निकाले गए तो इससे पाइपलाइन टूट सकती है। ऑगर मशीन का टूटा हिस्सा निकाले जाने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी। हालांकि, इसमें कितना टाइम लगेगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
मजदूरों से रह गई थी 10-12 मीटर की दूरी
दरअसल, 21 नवंबर से सिलक्यारा की ओर से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी। इसमें काफी हद कामयाबी मिली। 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के माध्यम से पाइप डाला जा चुका है। मजदूरों तक लगभग 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिए आ जाने से ड्रिलिंग मशीन का शाफ्ट फंस गया। जब मशीन से और प्रेशर डाला गया तो वह टूट गया।
इसका कुछ हिस्सा तोड़कर निकाला गया, लेकिन बड़ा हिस्सा अभी भी वहां अटका हुआ है। इसे मैनुअल ड्रिलिंग कर निकाला जाएगा, फिर आगे खुदाई की जाएगी। असल में, पाइप में एक ही व्यक्ति जा सकता है और खुदाई कर सकता है। इसलिए, ऐसा करने में काफी समय लग सकता है।