सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एक महिला जो किसी पुरुष के साथ रिश्ते में थी और स्वेच्छा से उसके साथ रह रही थी, वह रिश्ते में खटास आने पर दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही दुष्कर्म, अप्राकृतिक अपराधों और आपराधिक धमकी के आरोपी अंसार मोहम्मद को अग्रिम जमानत दे दी है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि, शिकायतकर्ता स्वेच्छा से अपीलकर्ता के साथ रह रही थी और रिश्ते में थी। इसलिए अब यदि संबंध में खटास आ गई तो यह आईपीसी की धारा-376 (2) (एन) अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता है।
इसको लेकर अदालत ने जमानत की अपील को स्वीकार किया। दरअसल इससे पहले मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा, शिकायतकर्ता ने यह स्वीकार किया है कि वह चार साल तक अपीलकर्ता के साथ रिश्ते में थी और जब रिश्ता शुरू हुआ तब उसकी उम्र 21 साल थी। शीर्ष अदालत ने इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपीलकर्ता को अग्रिम जमानत देने का फैसला किया।