दिल्ली: सीएम केजरीवाल ने सत्ता की कुर्सी संभालने से लेकर ऐसे कई फैसले लिए जिसपर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई है। वहीं अब दिल्ली सरकार की घर-घर राशन की होम डिलीवरी योजना पर भी केन्द्र सरकार को आपत्ति है। जिसको लेकर केंद्र ने हाईकोर्ट के सामने तर्क रखा कि, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को लागू करने में जनवितरण प्रणाली के तहत चलने वाली दुकानें महत्वपूर्ण सकुशल भूमिका निभा रही हैं।
दरअसल जज विपिन सांघी और जज जसमीत सिंह की पीठ के सामने, केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने उचित मूल्य की दुकानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के बनावट का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकारें खाद्य सुरक्षा कानून के ढांचे में किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकती।
केंद्र ने कहा कि, दिल्ली सरकार NFS के तहत दिए जाने वाले लाभों के अलावा, अन्य राज्य सरकारों की तरह ही जनता को कोई और लाभ या ज्यादा लाभ देने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। लेकिन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभों को कम नहीं कर सकती। बता दें कि, केंद्र ने सरकारी राशन डीलर्स संघ की ओर से दाखिल याचिका पर ये दलील दी।