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Daily Insider Desk
• Wed, 29 Dec 2021 11:30 pm IST

राजनीति

नाम बदला तो आक्रोशित हुए सपाई, डीएम के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

बलिया: वाराणसी स्थित राज नारायण पार्क का पिछले दिनों भाजपा सरकार द्वारा नाम बदल कर बेनियाबाग कर दिए जाने पर बलिया जनपद के समाजवादियों में भी व्यापक रोष देखा गया और इसी क्रम में आज समाजवादी पार्टी के नेताओं ने महामहिम राज्यपाल को संबोधित पत्रक जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा।

पत्रक में सपा नेताओं ने मांग किया कि स्वर्गीय राजनारायण ने देश की आजादी की लड़ाई से लेकर आपातकाल की लड़ाई में भी अगली कतार में रहकर नेतृत्व किया और उस बेनियाबाग में गुलामी के प्रतीक के रूप में स्थित महारानी विक्टोरिया के मूर्ति को तोड़कर पूर्वांचल में स्वाधीनता की मसाल प्रज्वलित की थी उस राज नारायण के नाम को हटाकर भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को एवं आंदोलनकारियों के नाम को मिटाने का कुचक्र रचा है, जिसे हम समाजवादी कभी भी  बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर आवश्यकता पड़ी तो सड़क पर उतर के जोरदार विरोध करेंगे।

जिलाधिकारी कार्यालय पर पत्रक देने के लिए उपस्थित समाजवादी साथियों और  कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि यह भाजपा सरकार भारत के आजादी के महानायक के नाम को कमतर करके और स्मृति स्थानों को बदल के अपने तरीके से इतिहास लिखना चाहती है। जबकि हकीकत है कि भाजपा के विचारधारा के लोग आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों का भेद बताने का काम करते थे। आज वर्तमान शासन ऐसे ही लोगों का महिमामंडन करने की कोशिश कर रहा है जिसका हम समाजवादी जमकर विरोध करते हैं।

समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय "कान्हाजी" ने अपने संबोधन में कहा कि इतिहास को तोड़ने और मरोड़ने से इतिहास में लिखी हुई बातों को नहीं मिटाया जा सकता पूरा देश जानता है कि देश की आजादी की लड़ाई और आपातकाल के समय राज नारायण ने तत्कालीन राजसत्ता को कोर्ट के साथ-साथ वोट से भी हराया था तब जाकर के इस देश में लोकतंत्र की नीव मजबूत हुई आज पुरे लोकतंत्र को कुचलने वाले लोग राज नारायण जैसे महापुरुष के नाम और उनके नाम पर इस्थित पार्क का नाम बदलकर अपनी मंशा जाहिर कर दिया है कि हम आज भी विदेशी ताकतों के चाटुकार ही है।

देश के चंद पूंजीपतियों के हाथों देश के सरकारी संस्थाओं को बेचने वाले लोग इस देश को पुनः गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए देखने के लिए आतुर है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि देश की जनता आज उनके द्वारा सत्ता मद में किए जा रहे इस कुकृत्य को देख रही है तथा समय का इंतजार कर रही है। समय आने पर जनता इनको ऐसा जवाब देगी की फिर कभी ये सत्ता में वापस नहीं आएंगे।