औषधीय पौधों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए बन रही नीति
लखनऊ। पुराने तरीके छोड़ यूपी का किसान अब प्रोफेशनल बनने जा रहा है। इसके लिए यूपी सरकार ने बाकायदा मसौदा तैयार भी कर लिया है। औषधीय पौधों की यूपी में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कराने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश के आयुष मंत्रालय की ओर से इंतजाम पूरे किए जा रहे हैं।
प्रदेश के किसानों को पुराने तरीकों से संपन्न नहीं बनाया जा सकता। इसके लिए उन्हें तरीके बदलने की जरूरत है। चूंकि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करना चाहती है। ऐसे में प्रदेश सरकार भी आगे बढ़ रही है। प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने बताया है कि औषधीय पौधे की प्रदेश में कांट्रैक्ट फार्मिंग के लिए नीति निर्धारित की जा रही है। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए नई नीति का मसौदा केंद्र सरकार को भेजा है। इसमें आयुष विभाग के साथ-साथ कृषि, वाह्य सहायतित विभाग समेत कई अन्य विभागों की टीम बनाई गई है।
किसानों को उनकी उपज की कीमत खेत में ही मिल जाएगी
कॉन्ट्रेक्ट हो हेक्टेयरकंपनी तैयार पौधों को किसान से लेकर दवा बनाने वाली कंपनियों को देगी। इससे किसानों को उनकी उपज की कीमत खेत में ही मिल जाएगी। इस तरह की खेती से किसानों को लगभग चार माह की अवधि में प्रति हेक्टेयर करीब 65 हजार रुपये का फायदा मिल सकता है। यही वजह है कि इस पौधे को लेकर भारतीय कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कराने के लिए आगे आ रही हैं।