बस्ती: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सनातन धर्म चेतना चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रेस क्लब सभागार में मां सरस्वती एवं सनातन धर्म के अध्येता आदि गुरु शंकराचार्य जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्जवलन कर पूजन करके 'सनातन धर्म और आज का भारत' विषय पर संगोष्ठी आयोजित किया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए ट्रस्ट अध्यक्ष राजेश मिश्र ने कहा कि जो समाज अपने गुरु का आदर सम्मान नहीं करता, वह दिशाहीन होकर अधोगति को प्राप्त होता है, प्राचीन श्रृषि परम्परा में गुरुकुल में बगैर संसाधन के गुरुओं ने विश्व विजेता, महान दार्शनिक, गणितज्ञ एवं सभी विषयों में पारंगत शिष्य दिये, आज हम धार्मिक रुप से सोशल मीडिया पर निर्भर हो चुके हैं जो केवल कि प्रत्यक्ष मार्गदर्शक नहीं हो सकता, हमें अपने गुरु जो कि जीवन में मार्गदर्शन करे सकें अनुसरण करना होगा। इसी क्रम में सवर्ण लिबरेशन फ्रन्ट के अध्यक्ष दीन दयाल तिवारी ने कहा कि जब तक हमारी शिक्षा गुरुकुल परम्परा पर आधारित थी हम विजेता थे, परन्तु मैकाले शिक्षा प्रणाली में उच्च शिक्षिति होने पर भी हीन भावना से ग्रसित समाज का निर्माण हो रहा है। अर्चना श्रीवास्तवा ने गुरु परम्परा पर प्रकाश डालते हुए महर्षि नारद व हनुमान जी के साथ जामवन्त संवाद के साथ चाणक्य और सुकरात के कृतित्व पर प्रकाश डाला। डा. नवीन सिंह ने योग एवं नेचुरोपैथी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विडम्बना है कि आज के शिक्षा प्रणाली में योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे विषय नहीं हैं। सभा को अंकुर वर्मा, मनोज पंकज सिंह, प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, राजेश चित्रगुप्त, सिद्धेश सिन्हा, संध्या दीक्षित आदि ने सम्बोधित किया।