प्राचीनकाल में बने मंदिर परिसर में पुलिस का छापा
18 जुआरियों के साथ भारी मात्रा में शराब भी पकड़ी
2 लाख की नगदी के साथ 7 लाइसेंसी रायफल और बन्दूक भी बरामद
मंदिर में वर्षों से है जुआ खेलने की परम्परा
शाहजहांपुर। ताश के पत्तो के खेल से हर कोई वाकिफ़ है। कुछ लोग त्यौहार पर इसे खेलते हैं तो कुछ आदतन। इस जुएं को खेलने के लिए हर कोई पुलिस से बचना चाहता है। क्योंकि कानून की नजर में यह अपराध है। शाहजहांपुर में वर्षो पुरानी परंपरा के तहत जुआं खेलने की एक ऐसी जगह है, जहाँ पिछले तीन दशकों से पुलिस से लेकर बड़े अधिकारी भी हाथ डालने की हिम्मत नही जुटा पाये।
जलालाबाद स्थित तिकोला देवी मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पांडवों ने कराया था। कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव इस मन्दिर में रुके थे। उन्होने यहाँ पर टाईम पास करने के लिए जुआं खेला था। तब से प्रतीक के रूप में इस मन्दिर में जुआ खेलने की परंपरा अब भी जारी है। गैर जनपद से लोग यहाँ जुआ खेलने आते हैं। पुलिस को ये बात पता है कि यहां मन्दिर पर खुले आम जुआं होता है। फिर भी आज तक पुलिस ने यहां जुआं नही पकड़ा क्योंकि यहां जुआं खेलना एक मान्यता है।
पुलिस अधीक्षक एस आनंद के निर्देश पर जलालाबाद पुलिस ने भारी फोर्स के साथ यहां छापेमारी कर जुआरियों से दो लाख की नगदी,80 केन बीयर,40 पौव्वे देशी शराब, 40 लीटर कच्ची शराब, एक कार,15 फोन और 7 लाइसेंसी असलाह के साथ 18 जुआरियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि यह सबसे पुराना मंदिर है। यहाँ कोई भी आये और पूजापाठ करे। लेकिन आस्था की आड़ में जुआं खेलना और आपराधिक लोगो का जमावड़ा लगना कानून का उल्लंघन है। इसीलिये ये कार्यवाही की गई है।