पौधे लगाने से नीच और मारक ग्रह शांत होंगे
लखनऊ। पेड़-पौधे लगाकर ग्रहों को शांत किया जा सकता है। शास्त्रों में नौ ग्रहों की शांति के लिए पौधरोपण के बारे में बताया गया है। आचार्य राजेंद्र तिवारी कहते हैं कि कुंडली में अति मारक या नीच का ग्रह है, तो पौधरोपण से उसके गलत प्रभाव को कम किया जा सकता है।
आइये आचार्य राजेंद्र तिवारी से जानते हैं तरीका
सूर्य : कुंडली में सूर्य ग्रह मारक या नीच के हैं अर्थात तुला राशि में नीच के हैं, तो इनमें से एक के सात पौधे लगाएं- लाल गुलाब, गूलर, कनेर।
चंद्रः कुंडली में चंद्रमा नीच के हैं अर्थात् वृश्चिक राशि में हैं तो इनमें से एक के सात पौधे लगाएं- चमेली, हरसिंगार, पलाश, कनेर।
मंगल: कुंडली में मंगल देव नीच होकर बैठे हैं अर्थात् कर्क राशि में विराजमान हैं, तो इनमें से एक के सात पौधे लगाएं- खैर, गुड़हल, लाल चंदन।
बुध: बुध देव नीच के हैं यानी मीन राशि में बैठे हैं, तो निम्न से एक के सात पौधे लगाएं- अपमार्ग, पान, बेला।
गुरु: वृहस्पति नीच के हैं अर्थात् मकर राशि में बैठे हैं या अति मारक है, तो केला, बेलपत्र, गेंदा, पीपल के पौधे लगाएं।
शुक्रः जिनकी कुंडली में शुक्र देव अति मारक या नीच के होकर बैठे हैं अर्थात् कन्या राशि में विराजमान हैं, तो उन्हें निम्न से एक के सात पौधे लगाने चाहिए- सफेद चंदन, गूलर, कनेर, तुलसी।
शनिः शनि देव अगर नीच के होकर मंगल: अगर कुंडली अर्थात् मेष राशि में बैठे हैं, तो उन्हें निम्न से एक के सात पौधे लगाने चाहिए- बरगद, शमी, वैजंती, पीपल, शीशम, जामुन।
राहु-केतुः जो राहु के नीच भाव में होने से प्रभावित हैं, वे केतु की नीचता से भी प्रभावित होंगे। राहु नीच के होते हैं, तो वे वृश्चिक या धनु राशि में होते हैं और केतु, वृषभ या मिथुन राशि में होते हैं। ये दोनों पूरी कुंडली को प्रभावित करते हैं। ऐसे जातक निम्न से एक के सात पौधे लगाएं राहुः दूर्वा, चंदन, नीम, अनार, पीपल। केतुः कुश, अश्वगंधा, बरगद, अनार और बेलपत्र।