बस्ती: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा मंगलवार को ब्लाक रोड स्थित संगठन कार्यालय पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को उनके 99 वीं जयन्ती पर याद किया गया। मुख्य अतिथि मण्डल प्रभारी हृदय गौतम ने कर्पूरी ठाकुर को नमन करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे, उन्होंने अपने दो के कार्यकाल में जिस तरह की छाप बिहार के समाज पर छोड़ी है, वैसा दूसरा उदाहरण नहीं दिखता है। कर्पूरी ठाकुर ने 1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया, इसके चलते उनकी आलोचना भी खूब हुई, लेकिन उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाया। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ठाकुर प्रेमनन्दबंशी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर 1952 की पहली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे।
बिहार के दो बार मुख्यमंत्री और दूसरे उप मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की सादगी की खूब चर्चा होती है। उनकी सादगी के चर्चे पूरे देश में मशहूर थे। आजादी के बाद एक बार भी विधायक, विधान पार्षद बनकर लोग करोड़ों के मालिक हो जाते हैं। शहरों में उनके आवास बन जाते हैं। लेकिन, कर्पूरी ठाकुर उन तमाम लोगों से अलग थे। जीवन पर्यंत राजनीति के उच्च मापदंड को बनाकर रखा। जिसमें, ईमानदारी और जनता के प्रति जवाबदेही को स्वीकार किया। ऐसे व्यक्तित्व से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिये।