यूपी में 2015 वाली परिस्थितयां, जुलाई में सूखा
लखनऊ। मानसून ने इस बार सन 2015 वाली परिस्थितयां पैदा कर दी हैं। इसकी वजह से किसान तो परेशान हैं ही आम आदमी भी बेहाल है। मानसून की ट्रफ रेखा वैसे ही बदली है, जैसे सात साल पहले बदली थी। अब जुलाई में लगभग सूखा ही रहने के आसार हैं।
सीएसए स्थित कृषि मौसम विभाग के वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ट्रफ रेखा वह होती है, जो कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण विकसित होती है। इसमें नम हवा कम दबाव के क्षेत्र की ओर बहती है और वहां बादल बनते हैं। जिसकी वजह से वर्षा होती है। पहले जुलाई में कम दबाव का क्षेत्र बिहार और उत्तराखंड के आसपास क्षेत्रों पर बनता था, इससे बिहार, उप्र, उत्तराखंड, दिल्ली में खूब वर्षा होती थी। इस बार यह कम है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून की दो शाखाएं भारतीय भूभाग में आती हैं। जिसमें से एक शाखा अरब सागर की ओर से महाराष्ट्र और देश के दक्षिण हिस्सों में वर्षा कराती है तो दूसरी बंगाल की खाड़ी की ओर से झारखंड होते हुए उत्तर प्रदेश व बिहार की ओर पहुंच उत्तरी राज्यों में वर्षा कराती है। सात वर्ष पहले भी जुलाई में मानसून की शाखाएं दबाव का क्षेत्र ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, गुजरात और मध्य प्रदेश के आसपास बन रहा है। इससे मानसून की ट्रफ रेखा गुजरात से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है, जिससे इन राज्यों में भारी वर्षा हो रही है। इसी तरह की स्थिति वर्ष 2015 में भी थी।