लखनऊ: भाई तारु सिंह जी का शहीदी दिवस एवं श्रावण माह संक्रान्ति पर्व ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने भाई तारु सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आपका जन्म गांव पुहला जिला श्री अमृतसर में हुआ था। अभी आप छोटे थे कि आपके पिता जी लड़ाई मे शहीद हो गये थे।
शबद कीर्तन एवं नाम सिमरन द्वारा साध संगतों को निहाल किया। सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने श्रावण माह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस माह में वह जीव हर वक्त प्रसन्न रहता है। जिसका मन प्रभु के चरन कमलों में लगा रहता है उसका तन मन सच के रंगों मे रंगा रहता है। प्रभु का नाम ही उसके जीवन का आधार बन जाता है। मोह उसके सामने नाशवन्त दिखते हैं। वह प्रभु सर्व शक्तिमान, व्यापक एवं बेअन्त है। गुरु जी फरमाते है कि श्रावण का माह उन सुहागिनों स्त्रियों के लिये आनन्ददायक है। जिसके हृदय में प्रभु का नाम माला की तरह पिरोया रहता है।
लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी एवं ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव नाका हिंडोला के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगतों को श्रावण माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी एवं शहीद भाई तारु सिंह जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।