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Daily Insider Desk
• Sat, 18 Mar 2023 9:14 pm IST

राजनीति

आबकारी विभाग कार्य प्रणाली में विकासोन्मुख सुधार इन्वेस्टर्स में बढ़ा आत्मविश्वास

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन एवं आबकारी राज्य मंत्री के मार्गदर्शन में विगत 5 वर्षों से आनकारी विभाग राजस्व अर्जन के साथ- साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में अग्रसर है। इसी क्रम में संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा विभाग में जुलाई 19 में कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त विभाग के क्रियाकलापों में कई महत्वपूर्ण निर्णय शासन स्तर से कराये है। जिसमें मुख्य रूप से शीरा नीति, बार नीति, माइक्रोब्रेवरी नीति, आसवनियों एवं यवासनियों की स्थापना, आबकारी नीति एवं प्रदेश में अल्कोहल एवं एथनॉल उत्पादन हेतु गैर शीरा पदार्थों के उपयोग की अनुमति मुख्य है। 
इसके फलस्वरूप विभाग के क्रिया कलापों में paradigm shift आया है। विभाग राजस्व अर्जन के साथ औद्योगिक विकास तथा अल्कोहल एवं एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। वर्ष 2020-21 में आसवनियों एवं यवासवनियों की स्थापना की नीति को सुगम बनाते हुये आसवनियों एवं यवासनियों की क्षमता में विस्तार किया गया है तथा नई आसवनियों को स्थापित कराते हुए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये है। इसके साथ ही प्रदेश में बार नीति, माइक्रोब्रेवरी की नीति, वाइन नीति एवं समय-समय पर आबकारी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किये गये है तथा इनको राजस्व एवं विकासोन्मुख बनाया गया है।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत कई सेवाओं से मानवीय हस्तक्षेप को समाप्त हुए विभाग के कार्यों को आनलाइन किया गया है। जिसमें शीरा का आवन्टन एवं करते उठान, आबकारी दुकानो का व्यवस्थापन ई-लाटरी से किया जाना, विभिन्न प्रकार के अनुज्ञापनों का निर्गमन आनलाइन किया जाना, एथनॉल की उठान परमिट व्यवस्था से मुक्त किया जाना तथा मदिरा की बोतलों को उत्पादन से लेकर फुटकर दुकानों तक ट्रेक एवं ट्रेस प्रणाली से ट्रैक किया जाना आदि प्रमुख है। इसके अतिरिक्त विभाग की 13 जनोपयोगी सेवाओं को जनहित गारंटी के अन्तर्गत लाया गया है। अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश में कर चोरी रोकने हेतु डिजिटल अल्कोहोलोमीटर का उपयोग प्रारम्भ किया गया है, आसवनियों एवं अन्य इकाईयो मे सीसीटीवी कैमरा स्थापित किये गये है, मदिरा कि निकासी जी.पी.एस युक्त वाहनों से ही की जा रही हैं, परिवहन पासो की सीमा में कटौती की गई है तथा आसवनियों में मास फ्लोमीटर रडार बेस्ड लेबल सेंसर एवं बाटलिंग काउण्टर लागये जाने की कार्यवाही की जा रही है। मदिरा एवं स्प्रिंट के टैंकरों पर डिजिटल लाक लगाया जाना एवं उनकी ट्रैकिंग कि व्यवस्था की गई है। आबकारी अनुज्ञप्त परिसरों की जियो फैंसिंग करायी गई है।
अपर मुख्य सचिव द्वारा बताया गया है कि इसके अतिरिक्त आसवनियों, यवासवनियों, माइक्रोब्रेवरी एवं बार अनुज्ञापन दिये जाने की नीति को सुगम एवं समय बध्य रूप से पूर्ण करने की व्यवस्था सुनिश्चित कि गई है। इस क्रम में वर्ष 2019-20 में नई आसवनियों की स्थापना हेतु 01, वर्ष 2020-21 में 1, 2021-22 में 6 एवं 2022-23 में अद्यतन 5 नई आसवनी स्थापित करने की अनुमति प्रदान कि गई है। इसी क्रम में 2019-20 में 4 आसवनी 2021-22 में 04 आसवनी तथा 2022-23में अद्यतन 10 आसवनियों में उत्पादन प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान की गई है। इन वर्षों में अभी तक 22 आसवनियों में दिनों की संख्या के आधार पर क्षमता विस्तार तथा 15 आसवनियों में प्लान्ट के विस्तार के आधार पर क्षमता विस्तार की अनुमति दी गई है। इसके फलस्वरूप प्रदेश में 8079 करोड़ के निवेश के साथ लगभग 68 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए है तथा प्रदेश अल्कोहल एवं एथनॉल उत्पादन में अग्रणी राज्य बन गया है।
उल्लेखनीय है कि नई बार नीति प्रख्यापित करने के उपरान्त 2019-20 से अद्यतन 259 बार अनुज्ञापन निर्गत किये गये है। इसका अनुकूल प्रभाव प्रदेश कि पर्यटन एवं अर्थव्यस्था पर पड़ा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में कोविड के कारण लॉकडाउन करना पड़ा था तथा प्रदेश एवं देश में सेनिटाइजर कि अत्यन्त कमी थी। मुख्यमंत्री की अपेक्षा के क्रम में आबकारी विभाग ने दिन रात मेहनत कर के 98 ईकाइयों को सेनिटाइजर उत्पादन करने की अनुमित प्रदान की, जिसके फलस्वरूप प्रदेश एवं देश में सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई साथ ही देश के बाहर भी निर्यात किया गया। कुल 216 लाख लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया गया जिससे प्रदेश को लगभग रु. 165 करोड़ की प्राप्ति हुई।