लखनऊ। राष्ट्रीय
लोकदल के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार चारों ओर से घोटालेबाजों
से घिरी हुई है। पशुपालन विभाग का चारा घोटाला, होम्योपैथिक का छात्रवृत्ति घोटाला
स्वास्थ्य विभाग का ट्रान्सफर पोस्टिंग घोटाला प्रमुख रूप से सामने आ चुका है, स्थिति
यह है कि कोई भी विभाग किसी न किसी प्रकार के घोटाले में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि
सरकार के पिछले कार्यकाल में भी पशुपालन विभाग का घोटाला सचिवालय के ही विशेष कमरे
से संचालित होता था। जिसकी जांच आज भी अन्तिम स्थिति तक नहीं पहुंच सकी है। अब यह दूसरा
चारा घोटाला पशुपालन निदेशालय में रचा गया है। हैरत की बात यह है कि पशुओं का हिस्सा
भी भाजपा शासन में लोगों की जेब और पेट में पहुंच रहा है।
सुरेन्द्रनाथ
त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बड़े गर्व से अपना 100 दिन का रिपोर्ट
कार्ड प्रस्तुत किया था। जिसको देखकर ऐसा लगता था कि सरकार के पार्ट-2 के कार्यकाल
में चारों ओर विकास की गंगा बह रही है। यह उजागर होने वाले घोटाले 100 दिन का अच्छा
प्रमाण पत्र हैं। स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों की दवाएं गोदाम में सड़ती हुईं पायी
गयीं जो एक्सपायरी डेट की थीं, लेकिन मरीजों तक नहीं पहुंच सकीं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल
में चारों ओर स्वास्थ्य विभाग की थू-थू होती रही परन्तु प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य
विभाग की नाकामी स्वीकारने की कोशिश नहीं की। अब विभाग की वही कमियां प्रदेश के उपमुख्यमंत्री
एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक स्वयं उजागर कर रहे हैं जिनकी ओर समय समय पर राष्ट्रीय
लोकदल ने इशारा किया था।
वरिष्ठ रालोद नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार केवल भाजपा की ही नहीं बल्कि प्रदेश की आम जनता की है। इसलिए आम जनता या विपक्ष द्वारा इंगित की गयी कमियों को स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि होम्योपैथिक विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश करते हुए आवंटित धनराशि जरूरतमंद छात्रों को उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि ऐसे छात्र वांछित धनराशि से वंचित रहे हैं जिन्हें आवश्यकता थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित करे जो एक ही सीट पर वर्षो से जमे पड़े हैं और घोटालों को अंजाम देकर प्रदेश की जरूरत मंद जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।