केंद्र ने सोमवार से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पेश करने के लिए छावनी विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक और दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक समेत 24 विधेयकों को अपनी लिस्ट में शामिल किया है।
लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी एक बुलेटिन के मुताबिक, छावनी विधेयक में देशभर की नगर पालिकाओं के साथ संरेखण में ज्यादा से ज्यादा विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रस्ताव है। और छावनियों में जीवन को आसान बनाने की सुविधा का प्रस्ताव है।
बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक सहकारी समितियों में सरकार की भूमिका और बहु-राज्य सहकारी समितियों के कामकाज में भागीदारी बढ़ाने का प्रस्ताव करता है। ताकि इन समितियों में जनता का विश्वास बढ़े और उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके। इसी तरह दिवाला और दिवालियापन संहिता बिल क्रॉस-बॉर्डर इन्सॉल्वेंसी पर प्रावधान पेश करके संहिता को मजबूत करने की कोशिश करती है।
इस सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने के लिए लिस्टेड कुछ अन्य बिल हैं, कॉफी (प्रमोशन और विकास) विधेयक, माल के भौगोलिक संकेत ( पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, भंडारण (विकास और विनियमन) (संशोधन) विधेयक और प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक उद्यमों और सेवाओं के हब विधेयक का विकास, जो विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 को संशोधित करने और नियमों को फ्रेम करने का प्रस्ताव करता है, । सरकार ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक को भी लिस्ट में शामिल किया गया है। जो निषिद्ध क्षेत्रों को युक्तिसंगत बनाने और अन्य संशोधन लाने का प्रस्ताव करता है।
इसके अलावा कलाक्षेत्र फाउंडेशन (संशोधन) विधेयक, वन (संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, विधेयक और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) के अलावा एनर्जी कंजर्वेशन (संशोधन) बिल, ट्रैफिकिंग ऑफ पर्सन्स (प्रोटेक्शन, केयर एंड रिहैबिलिटेशन) बिल , प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, माइन्स एंड मिनरल (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) (संशोधन) बिल, और फैमिली कोर्ट्स (संशोधन) बिल भी सत्र के दौरान सूचीबद्ध हैं।