लखनऊ।
सरकार ने चुनाव के
पहले मुफ्त राशन बांटने का डंका पीटा
और चुनावी लाभ लिया। लेकिन, चुनाव के कुछ ही
दिनों बाद अब अनाज पर
भी पांच फीसदी की जीएसटी लगा
दी है। इससे अनावश्यक महंगाई बढ़ेगी। जबकि स्थिति यह है कि
आटा, मैदा, बेसन आदि कच्चा माल होता है, इससे कई वस्तुयें बनायी
जाती हैं। मसलन ब्रेड-बिस्कुट आदि, इस पर तो
पहले से ही टैक्स
लगा हुआ है। इससे महंगाई की दोहरी मार
गरीब जनता पर पड़ेगी। यह
बातें शनिवार को लखनऊ व्यापार
मंडल के वरिष्ठ महामंत्री
अमरनाथ मिश्रा ने कहीं। वह
वाणिज्य कर कार्यालय में
धरना प्रदर्शन को संबोधित कर
रहे थे। इस मौके पर
एडिशनल कमिश्नर जीएसटी भूपेंद्र शुक्ला के माध्यम से
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी एक
ज्ञापन दिया गया।
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी काउंसिल के द्वारा 13 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर 15 जुलाई 2022 से सभी प्रकार के ब्रांडेड या अनब्रांडेड अनाज, चावल, दाल, आटा, मैदा पर 5% जीएसटी लगा कर प्रभावी कर दिया है। जिससे सभी गल्ला व्यापारी और उद्यमियों में काफी आक्रोश एवं असंतोष है। उन्होंने कहा कि लगाए गए टैक्स का जबरदस्त विरोध किया गया और कहा व्यापारी समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत भूषण गुप्ता व देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं पर 5% कर लगा देने से अनावश्यक रूप से महंगाई बढ़ेगी और आम जनता पर बहुत बड़ा बोझ पड़ेगा। ऐसे समय जबकि जनता महंगाई से त्रस्त और परेशान है। इन चीजों पर टैक्स लगाकर महंगाई बढ़ाना कतई उचित नहीं है। सरकार को इस पर पुनर्विचार कर वापस लेना चाहिए।
पाण्डेय गंज व्यापार मंडल के महामंत्री ने बताया कि इस आदेश से पूर्व सभी प्रकार के अनब्रांडेड अर्थात ऐसे ब्रांड जिन पर अपना दावा छोड़ दिया गया हो, सभी अनाज व दालों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता था। केवल ब्रांड जो रजिस्टर्ड थे, उन्हीं पर 5% की दर से जीएसटी लागू होता था। इस टैक्स के लगने से सभी वस्तुओं के दाम 2 रुपए से लेकर 5 रुपए किलोग्राम तक महंगे हो जाएंगे। महामंत्री अभिषेक खरे और अनुराग मिश्र ने बताया कि केवल 10% जनता ही इन ब्रांडेड वस्तुओं का इस्तेमाल करती है। शेष 90% जनता आम तौर पर अनब्रांडेड वस्तुओं का सेवन करती है। इसलिए इस टैक्स के लगने से 90% गरीब जनता व मध्यमवर्गीय परिवार इस महंगाई का शिकार होंगे। अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल एवं वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र ने संयुक्त जानकारी दी कि अगले चरण में लखनऊ से पूरे प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट करेगा और इस को हटाए जाने का पुरजोर मांग करेंगे।